Jab rakshak bhakshak ban jaaye book and story is written by Ajay Amitabh Suman in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Jab rakshak bhakshak ban jaaye is also popular in Poems in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. जब रक्षक भक्षक बन जाएं Ajay Amitabh Suman द्वारा हिंदी कविता 1 1.8k Downloads 16.3k Views Writen by Ajay Amitabh Suman Category कविता पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण (१) जब रक्षक भक्षक बन जाए तुम्हें चाहिए क्या आजादी , सबपे रोब जमाने की , यदि कोई तुझपे तन जाए , तो क्या बन्दुक चलाने की ? ये शोर शराबा कैसा है ,क्या प्रस्तुति अभिव्यक्ति की ? या अवचेतन में चाह सुप्त है , संपुजन अति शक्ति की . लोकतंत्र ने माना तुझको , कितने हीं अधिकार दिए , तुम यदा कदा करते मनमानी , सब हमने स्वीकार किए . हाँ माना की लोकतंत्र की , तुमपे है प्राचीर टिकी , तेरे चौड़े सीने पे हीं तो , भारत की दीवार टिकी . हाँ ये ज्ञात भी हमको है , More Likes This मी आणि माझे अहसास - 98 द्वारा Darshita Babubhai Shah लड़के कभी रोते नहीं द्वारा Dev Srivastava Divyam जीवन सरिता नोंन - १ द्वारा बेदराम प्रजापति "मनमस्त" कोई नहीं आप-सा द्वारा उषा जरवाल कविता संग्रह द्वारा Kaushik Dave मेरे शब्दों का संगम द्वारा DINESH KUMAR KEER हाल ए दिल द्वारा DINESH KUMAR KEER अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी