Amar Prem - 10 book and story is written by Pallavi Saxena in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Amar Prem - 10 is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. अमर प्रेम - 10 Pallavi Saxena द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ 9 1.8k Downloads 5.1k Views Writen by Pallavi Saxena Category प्रेम कथाएँ पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण अरे अभी तो तुम दादा भी नहीं बने हो। और तुमने बुड़ापा ओढ़ लिया। अरे भी तो बच्चों कि बराबरी करनेकि उम्र है राहुल तुम्हारी वजह से विदेश जाने को तयार नहीं बेचार युगल जोड़ा सिर्फ एक बूढ़े बाप कि वजह से विरह कि अग्नि में जल रहा है क्या तुमको यह सब दिखाई नहीं देता। अरे अगर वो तुम्हें छोड़कर नहीं जाना चाहता तो तुम तो विदेश जाने कि उत्सुकता दर्शा सकते होना। मैं यदि जिंदा होती तो मैं तो कब का विदेश चली गयी होती अपने बच्चों के साथ भूल गए क्या माँ जी क्या कहा करती थी Novels अमर प्रेम जीवन मरण के बारे में सोचते हुए हमेशा मन उलझ जाता है चारों ओर बस सवाल ही सवाल नज़र आते हैं मगर उत्तर कहीं नज़र नहीं आता। क्या है यह आत्मा, दिल दिमाग या फ... More Likes This सनातन - 1 द्वारा अशोक असफल Revenge Love - Part 1 द्वारा zarna parmar Revenge by Cruel Husband - 1 द्वारा starwriter बीच के क्षण द्वारा Raj कुछ रंग प्यार के ऐसे भी - भाग 1 द्वारा Shruti Sharma अनंता - पार्ट 5 द्वारा zarna parmar फरमाइश... 1 द्वारा pooja अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी