Kahan Jana hai Kahan Ja rahe hain book and story is written by Vijay 'Vibhor' in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Kahan Jana hai Kahan Ja rahe hain is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. कहाँ जाना है, कहाँ जा रहे हैं? Vijay Vibhor द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 2 1.6k Downloads 8.5k Views Writen by Vijay Vibhor Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण आधुनिक मध्यम वर्गीय परिवारों में इतनी-सी सम्पन्नता तो आ ही गयी है कि वह विज्ञापनों से प्रभावित होकर बाजार के हवाले हो जाते हैं और अपने बच्चों को हर वह चीज/सुविधा उपलब्ध करवाना चाहते हैं जिनसे वह बचपन में अछूते रह गए थे| अब इसे आधुनिकता का जनून कहे या आधुनिक और संपन्न होने का दिखावा, आज ढ़ाई-तीन साल के बच्चों को भी हमनें स्मार्ट फोन थमा रखा है| इसके पीछे के बड़ा कारण यह भी हो सकता है कि वर्तमान आधुनिक माता-पिता में बच्चो की प्यारी जिद्द या उनके द्वारा बार-बार दोहराये जाने वाले प्रश्नो का सामना करने की More Likes This बेजुबान - 1 द्वारा Kishanlal Sharma खामोशी का रहस्य - 1 द्वारा Kishanlal Sharma अकेलापन जिंदगी - 1 द्वारा Wow Mission successful सनम बेवफा - 3 द्वारा Kishanlal Sharma धोखा या इश्क - 1 द्वारा aruhi कामवासना से प्रेम तक - भाग - 5 द्वारा सीमा कपूर My Devil Hubby Rebirth Love - 23 द्वारा Naaz Zehra अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी