कहानी "बिराज बहू" में बिराज और नीलाम्बर के बीच संवाद होता है, जिसमें बिराज अपनी चिंता व्यक्त करती है कि नीलाम्बर ने सुन्दरी के घर जाने की बात कही है। पड़ोस की बुआ की आलोचना के जवाब में, बिराज अपनी बातों से बुआ को चुप करा देती है। उस दिन उत्सव के मौके पर, बिराज और छोटी बहू मोहिनी नदी में नहाने जाती हैं, जहां जमींदार का बेटा राजेन्द्र कुमार उन्हें देख लेता है। बिराज उसे चेतावनी देती है कि वह उनकी जमीन पर न आए। राजेन्द्र मौन रह जाता है और बिराज का गुस्सा बढ़ता है। घर लौटने पर, बिराज को छोटी बहू की चिंता होती है और घर में मार-पीट शुरू हो जाती है। नीलाम्बर गुस्से में आकर एक बेड़ा तोड़ देता है। वह कहता है कि जब तक वह इस घर में है, अत्याचार नहीं सहने देगा। पीताम्बर से बातचीत में, नीलाम्बर स्थिति को समझते हुए धैर्य रखने की सलाह देता है। कहानी में बिराज की दृढ़ता और नीलाम्बर की जिम्मेदारी का चित्रण किया गया है, जो समाजिक जमींदारी और महिलाओं के अधिकारों के संदर्भ में है। बिराज बहू - 8 Sarat Chandra Chattopadhyay द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 22 6k Downloads 14.9k Views Writen by Sarat Chandra Chattopadhyay Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण पता नहीं किस तरह सुन्दरी को घर जाने की वात नमक-मिर्च लगाकर बिराज के कानो में पड़ गई। पड़ोस की बुआ आई थी। उसने खूब आलोचना की। बिराज ने सबकुछ सुनकर गंभीर स्वर में कहा- “बुआ माँ! आपको उनका एक कान काच लेना चाहिए था!” बुआ बुगड़कर बोली- “तुम जैसी बातूनी इस गाँव में नहीं है।” बिराज ने नीलाम्बर को बुलाकर कहा- “सुन्दरी के यहाँ कब गए थे?” नीलाम्बर ने डरते हुए उत्तर दिया- “काफी दिन हो गए हैं, पूंटी का समाचार पूछने गया था।” “अब मत जाना। मैंन सुना है कि उसका चरित्र खराब है।” नीलाम्बर चुप रहा। Novels बिराज बहू हुगली जिले का सप्तग्राम-उसमें दो भाई नीलाम्बर व पीताम्बर रहते थे। नीलाम्बर मुर्दे जलाने, कीर्तन करने, ढोल बजाने और गांजे का दम भरने में बेजोड़ था। उस... More Likes This जिंदगी के रंग - 1 द्वारा Raman रुह... - भाग 8 द्वारा Komal Talati उज्जैन एक्सप्रेस - 1 द्वारा Lakhan Nagar माँ का आख़िरी खत - 1 द्वारा julfikar khan घात - भाग 1 द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 2 द्वारा Kaushik Dave चंदन के टीके पर सिंदूर की छाँह - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी