यह कहानी जमील और सोनी के जीवन के एक नए अध्याय की शुरुआत को दर्शाती है। जमील, जो अपने पहले बच्चे के जन्म के बाद खुश है, सोनी को आश्वस्त करता है कि वह उनकी बेटी रौशनी का अच्छे से ध्यान रखेगा और उसे अच्छी शिक्षा दिलाने का वादा करता है। हालांकि सोनी थोड़ी संदेह करती है, लेकिन जमील का आत्मविश्वास उसे प्रेरित करता है। जमील ने अपने काम में वृद्धि की है और वह पुराने सामान को खरीदने और बेचने का व्यवसाय कर रहा है। उसकी मेहनत और साहस से उसे सफलता मिल रही है, जिससे परिवार में खुशी का माहौल है। वह अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए नए तरीकों को अपना रहा है और अपनी बेटी के लिए अच्छे खिलौने और कपड़े खरीदता है। कहानी में जमील का गांव से शहर में स्थानांतरित होने का इरादा और अपनी पत्नी और बेटी को वहां लाने की योजना भी है। यह उसके परिवार की भलाई के लिए उसकी दृढ़ता और मेहनत को दर्शाता है। अंत में, जमील अपने दोस्त अनोखे को ईद पर गांव चलने के लिए आमंत्रित करता है, जो उनकी दोस्ती और सामजिक संबंधों को दिखाता है। तक्सीम - 4 - अंतिम भाग Pragya Rohini द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 5 1.8k Downloads 4.9k Views Writen by Pragya Rohini Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ‘‘हां भई हम पे भरोसा कहां था तुझे कि ख्याल रखेंगे तेरी बीवी का? अब संभाल ले तू।’’ बेटे का मजाक उड़ाते हुए अम्मा ने कहा तो जमील, अब्बा के सामने जरा शर्माया पर जबान तक आए उसके शब्द बेसाख्ता निकल पड़े-‘‘अम्मा जीवन भर का साथ है मेरा-इसका, निभाना तो पड़ेगा न।’’ और जमील-सोनी की गोद में फिर एक बच्चा था। स्वस्थ और सुंदर। ‘‘देख सोनी बिल्कुल रौशन पर गयी है न बिटिया?’’ सोनी हैरान रह गई। अक्सर बच्चे की शक्ल देखकर मां-बाप यही देखते हैं कि एक-दूसरे में से किस पर गया है या फिर ननिहाल-ददिहाल में किस के चेहरे-मोहरे से मिलता है पर जमील... वो तो अलग सी ही बात कर रहा था। उसकी खुशी थम नहीं रही थी। Novels तक्सीम ये शहर भी अजीब हैं न अनोखे? लाख गाली दे दिया करें रोज मैं और तू इन्हें पर इनके बिना तेरे-मेरे जैसों का कोई गुजारा है बोल? कितने साल बीत गए हम दोनों को... More Likes This अहम की कैद - भाग 1 द्वारा simran bhargav भूलभुलैया का सच द्वारा Lokesh Dangi बदलाव ज़रूरी है भाग -1 द्वारा Pallavi Saxena आशा की किरण - भाग 1 द्वारा Lokesh Dangi मंजिले - भाग 12 द्वारा Neeraj Sharma रिश्तों की कहानी ( पार्ट -१) द्वारा Kaushik Dave बेजुबान - 1 द्वारा Kishanlal Sharma अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी