इस कहानी में सबरीना और सुशांत एक गाड़ी में यात्रा कर रहे हैं, जहाँ बर्फबारी हो रही है और रात का अंधेरा छा चुका है। सबरीना, सुशांत से बातचीत करते हुए इंडीपेंडेंस स्क्वायर का जिक्र करती है और लेनिन के स्टैच्यू के बारे में बताती है जो अब वहां नहीं है। वह बताती है कि लेनिन के समर्थक अभी भी हैं और उनकी याद में स्टैच्यू को तोड़ा नहीं जाएगा, बल्कि शहर के बाहर किसी अन्य जगह पर रखा जाएगा। सुशांत को लगता है कि साम्यवाद एक पुरानी कहानी की तरह है, जिसे समय के साथ भुला दिया गया है, लेकिन कभी-कभी याद आता है। होटल पहुँचने के बाद सबरीना 'प्रोफेसर' कहकर सुशांत को संबोधित करती है, जिसमें एक अनजाने रिश्ते का अहसास होता है। सुशांत की सोच में सबरीना की छवि बदल गई है; वह अब उसे एक अपराधी नहीं, बल्कि एक दुख झेल चुकी और संघर्षरत महिला के रूप में देखता है। कहानी के अंत में, वे होटल के बाहर पहुँचते हैं और दरबान ठंड से संघर्ष कर रहा है। सबरीना ड्राइवर से कहती है कि वह सुशांत को छोड़कर लौट सके। इस कहानी में भावनाओं, पहचान और संघर्ष की गहराई को दर्शाया गया है। सबरीना - 11 Dr Shushil Upadhyay द्वारा हिंदी महिला विशेष 6 2.2k Downloads 5.7k Views Writen by Dr Shushil Upadhyay Category महिला विशेष पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण सबरीना चुप हो गई और सुशांत गाड़ी से बाहर देखने लगा। सूरज ढले हुए काफी देर हो गई थी। कब चारों तरफ धुंधलका सा छा गया, पता ही नहीं चला। बर्फ फाहों के रूप में बरस रही थी। गाड़ी के बोनट को बर्फ से बचाने के लिए इंजन को भी अतिरिक्त कोशिश करनी पड़ रही थी। जिस रास्ते से गाड़ी होटल की ओर जा रही थी, ये सुबह से अलग रास्ता था। सबरीना ने शीशा नीचे करके बाहर देखने की कोशिश। चुभती हुई ठंडी हवा के झौंके ने सुशांत को सिहरन का अहसास करा दिया। कुछ देर सबरीना बाहर देखती रही। उसने सुशांत का ध्यान खींचा- Novels सबरीना होटल टाशकेंट के बाहर चारों तरफ बर्फ फैली हुई थी। सामने के पार्क में मरियल धूप का एक टुकड़ा बर्फ से लड़ने की कोशिश कर रहा था। सुशांत अभी ऊंघ रहा था। तय न... More Likes This इश्क की लाइब्रेरी। - 8 द्वारा Maya Hanchate अनकहे रिश्ते - 1 द्वारा patel lay गड़बड़ - चैप्टर 1 द्वारा Maya Hanchate बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 13 द्वारा Maya Hanchate गुनाहों की सजा - भाग 1 द्वारा Ratna Pandey छाया प्यार की - 1 द्वारा NEELOMA चंद्रवंशी - 1 - अंक – 1.1 द्वारा yuvrajsinh Jadav अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी