"बिराज बहू" एक कहानी है जिसमें मुख्य पात्र बिराज और उसका पति नीलाम्बर हैं। कहानी तीन साल बाद की घटनाओं को दर्शाती है जब हरिमती अपने ससुराल में है। नीलाम्बर, जो लगातार कमजोर हो रहा है, बिराज से बात करते हुए अपने परिवार की आर्थिक स्थिति पर चर्चा करते हैं। बिराज चिंतित है कि उनके परिवार की संपत्ति धीरे-धीरे खत्म हो रही है, जिसमें उनके गहने और जमीन शामिल हैं। बिराज नीलाम्बर को सलाह देती है कि वे थोड़ी जमीन बेचकर अपने समधी को पैसे देकर अपनी समस्या का समाधान करें, जबकि नीलाम्बर इस पर सहमत नहीं होता। बिराज का मानना है कि उनके पास कोई संतान नहीं है, इसलिए उन्हें अपने जीवन को सरल बनाने की जरूरत है। कुछ दिनों बाद, रात में जब नीलाम्बर हुक्का पी रहा है, बिराज उससे शास्त्रों की सत्यता के बारे में सवाल करती है। वे सावित्री और सत्यवान की कहानी का उल्लेख करते हैं, और बिराज कहती है कि वह भी अपने पति के लिए ऐसा कर सकती है। इस प्रकार, कहानी में पति-पत्नी के बीच संवाद के माध्यम से परिवार और सामाजिक दबावों का चित्रण किया गया है, जिसमें बिराज की दृढ़ता और नीलाम्बर की चिंता को दर्शाया गया है। बिराज बहू - 3 Sarat Chandra Chattopadhyay द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 23.4k 15.6k Downloads 25.1k Views Writen by Sarat Chandra Chattopadhyay Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण तीन साल बाद... हरिमती को ससुराल गए तीन माह हो चुके थे। पीताम्बर ने अपने खाने-पीने का हिसाब एक घर में रहते हुए भी अलग कर लिया है। सांझ हो गई है। चण्डी-मण्डप के बरामदे में एक पुरानी खाट पर नीलाम्बर बैठा था। बिराज उसके पास आकर मौन खड़ी हो गोई। नीलाम्बर उसे देखकर चौंका, “एक बात पूछूं?” “पूछो।” बिराज ने कहा- “क्या खाने से मृत्यु आ जाती है?” नीलाम्बर खामोश। बिराज ने फिर कहा- “तुम दिन-प्रतिदिन दुर्बल क्यों होते जा रहे हो?” “कौन कहता है?” Novels बिराज बहू हुगली जिले का सप्तग्राम-उसमें दो भाई नीलाम्बर व पीताम्बर रहते थे। नीलाम्बर मुर्दे जलाने, कीर्तन करने, ढोल बजाने और गांजे का दम भरने में बेजोड़ था। उस... More Likes This देवर्षि नारद की महान गाथाएं - 1 द्वारा Anshu पवित्र बहु - 1 द्वारा archana ज़िंदगी की खोज - 1 द्वारा Neha kariyaal अधूरा इश्क़ एक और गुनाह - 1 द्वारा archana सुकून - भाग 1 द्वारा Sunita आरव और सूरज द्वारा Rohan Beniwal विक्रम और बेताल - 1 द्वारा Vedant Kana अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी