Vidrohini - 8 book and story is written by Brijmohan sharma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Vidrohini - 8 is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. विद्रोहिणी - 8 Brijmohan sharma द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 6 1.9k Downloads 4.9k Views Writen by Brijmohan sharma Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण उन दिनों लोगों को अखाडें का बड़ा शौक था। शहर में जगह जगह अखाड़े खुले हुए थे जहां उस्ताद लोग तरह तरह के दाव व कुश्तियां सिखाया करते थे। शहर के प्रमुख चौराहे पर स्थित पान की दुकान पर एक पहलवान बैठा करता था। वह दुकानदार से थोड़ी थोड़ी देर में पण मांगकर अनेक पान चबाया करता व जब दुकानदार उससे पैसे मांगता तो वह हिसाब में उधार लिखने को कह देता। दुकानदार की हिम्मत नहीं थी कि उससे हिसाब चूकता करने का कहे। न ही पहलवान कभी पैसे देने की तोहमत उठाता। Novels विद्रोहिणी (ऐक अकेली अबला, बेसहारा, बेबस ऐवम गरीब महिला का पाखंउी, जातिवादि, घोर साम्प्रदायिक संकीर्णतावाद से ग्रस्त समाज से संघर्ष की रोमाचक दास्तान । गरीबों के... More Likes This बेजुबान - 1 द्वारा Kishanlal Sharma खामोशी का रहस्य - 1 द्वारा Kishanlal Sharma अकेलापन जिंदगी - 1 द्वारा Wow Mission successful सनम बेवफा - 3 द्वारा Kishanlal Sharma धोखा या इश्क - 1 द्वारा aruhi कामवासना से प्रेम तक - भाग - 5 द्वारा सीमा कपूर My Devil Hubby Rebirth Love - 23 द्वारा Naaz Zehra अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी