इस कहानी में एक शादी का माहौल है, जिसमें गौरी अपनी बेटी नीलू की शादी की तैयारियों को लेकर चिंतित है। बारात के आगमन के साथ घर में चहल-पहल और शहनाई का स्वर गूंज रहा है, लेकिन गौरी की मन में कई चिंताएँ हैं। शादी की रस्मों के दौरान बड़ी बाईसाब ने चुपचाप सभी मांगें पूरी की, जिससे गौरी को उनकी पुरातनपंथी सोच का एहसास हुआ। विदाई के समय, गौरी का दिल बैठ रहा था और वह बड़ी बाईसाब की तेज निगाहों के चलते कुछ नहीं कह पाई। नीलू को विदा करते समय, गौरी को ऐसा लग रहा था जैसे वह अपनी ननद को विदा कर रही हो, और वह बड़ी बाईसाब के हाथ जोड़े रहने से भी असहज महसूस करती है। इसके बाद, बड़ी बाईसाब ने घर के कामों में जुटना शुरू कर दिया। गौरी को यह महसूस हो रहा था कि उसने अपनी बेटी को एक ऐसे परिवार के हाथों सौंप दिया है, जो उसके लायक नहीं था। गौरी बड़ी बाईसाब के निर्णय को लेकर आश्चर्यचकित है कि उन्होंने कैसे इस परिवार को स्वीकार किया, जबकि पहले उन्होंने कई अच्छे लड़कों को उनकी पारिवारिक स्थिति के कारण रिजेक्ट किया था। गौरी का मानना है कि बच्चों को जिस परिवेश में रहने की आदत होती है, उन्हें उसी परिवेश में भेजना चाहिए, लेकिन इन दोनों परिवारों के बीच कोई मेल नहीं था। कहानी मां के अंतर्द्वंद्व और चिंता को उजागर करती है, जो अपनी बेटी के भविष्य को लेकर चिंतित है। बड़ी बाई साब - 7 vandana A dubey द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 34 8k Downloads 13.9k Views Writen by vandana A dubey Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण तीन दिन से जगमग करती हवेली में आज बारात का आगमन था. खूब चहल-पहल से घर उमगा पड़ रहा था. शहनाई का स्वर वातावरण में गूंज रहा था. गौरी केवल यही मना रही थी कि सब अच्छी तरह निपट जाये. लेकिन उसके मनाने से क्या? शादी के दौरान तमाम रस्मों में नुक़्ताचीनी हुई. ये रस्म इस तरह होनी थी, इस रस्म में इतना इसको, उतना उसको देना चाहिये था. बड़ी बाईसाब चुपचाप उनकी हर मांग को पूरा कर रही थीं. गौरी ने इतना शांत उन्हें कभी नहीं देखा था. सुबह विदाई के समय भी थोड़ी झिकझिक हुई. ऐसी बहस के Novels बड़ी बाई साब “ ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते !!.......नीचे मंडप में पंडित जी कलश स्थापना कर रहे थे. खिड़की से सिर... More Likes This सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 1 द्वारा Kaushik Dave बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 2 द्वारा Maya Hanchate Lunar Blood - 2 द्वारा Sameer Kumar पतझड़ के बाद - एक सच्चा इंतजार - 1 द्वारा Neha kariyaal एक अंधे मोहब्बत की एक अंधेरी कहानी - 1 द्वारा Zulekha Ansari मैं अनिका हूँ - और अब पूरी हूँ - 1 द्वारा Aarti w यशस्विनी - 1 द्वारा Dr Yogendra Kumar Pandey अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी