"मंझली दीदी" शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय की एक कहानी है, जिसमें हेमांगिनी नाम की महिला अपने परिवार की समस्याओं का सामना कर रही है। कहानी का आरंभ हेमांगिनी के जेठानी के तीखे शब्दों से होता है, जो अपने पति से किशन नाम के लड़के की खोज-खबर न लेने पर शिकायत कर रही है। पति इस बात को गंभीरता से नहीं लेता। हेमांगिनी किशन को अपने घर में देखती है, जो भूखा है और उसने रात भर दुकान पर सोने की बात बताई। जब हेमांगिनी उसे खाना देने लगती है, तभी उमा नाम की लड़की घबराई हुई आती है और बताती है कि बाबूजी (विपिन) आ रहे हैं। किशन डर के मारे छिप जाता है और उमा भी भाग जाती है। विपिन जब घर में आते हैं, तो हेमांगिनी हताश नजर आती है। वह भोजन की थाली को देखकर पूछते हैं कि कौन खाना छोड़कर गया। हेमांगिनी बताती है कि किशन डर के मारे छिप गया है। विपिन समझते हैं कि पत्नी की बातें गलत दिशा में जा रही हैं और हंसते हुए पूछते हैं कि किशन किस डर से भागा। कहानी में परिवार के बीच के रिश्तों, डर और सामाजिक दबाव को दर्शाया गया है, जहाँ हेमांगिनी अपनी चिंता और लज्जा के साथ अपने परिवार की रक्षा करने की कोशिश कर रही है। मंझली दीदी - 6 Sarat Chandra Chattopadhyay द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 35 26.1k Downloads 40.9k Views Writen by Sarat Chandra Chattopadhyay Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण दूसरे दिन सवेरे खिड़की खोलते ही हेमांगिनी के कानों में जेठानी के तीखे स्वर की झनकार पड़ी । वह पति से कह रही थी, ‘यह लड़का कल से ही भागा हुआ है। तुमने उसकी बिलकुल ही खोज-खबर नहीं ली है।’ पति ने उत्तर दिया, ‘चूल्हे में चला जाए। खोज-खबर लेने की जरूरत ही क्या है?’ पत्नी मुहल्ले भर को सुनाती हुई बोली, ‘अब तो निन्दा के मारे इस गांव में रहना कठिन हो जाएगा। हमारे यहां दुश्मनों की भी कभी नहीं है। अगर कहीं गिर पड़कर मर-मरा गया तो कहे देती हूं, छोटे-बड़े सबको जेलखाना जाना पड़ेगा।’ हेमांगिनी ने सारी बातें समझ लीं और खिड़की बन्द करके एक लम्बी सांस लेकर दूसरे कमरे में चली गई। Novels मंझली दीदी किशन की मां चने-मुरमुचे भून-भूनकर और रात-दिन चिन्ता करके वहुत ही गरीबी में उसे चौदह वर्ष का करके मर गई। किशन के लिए गांव में कही खडे होने के लिए भी जग... More Likes This गाजा वार - भाग 1 द्वारा suhail ansari BTS ??? - 4 द्वारा Black डॉ. बी.आर. अंबेडकर जीवन परिचय - 1 द्वारा Miss Chhoti चाय के किस्से - 1 द्वारा Rohan Beniwal एक रात - एक पहेली - पार्ट 1 द्वारा Kaushik Dave कल्पतरु - ज्ञान की छाया - 3 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) क्या तुम मुझे छोड़ दोगे - भाग - 1 द्वारा Ratna Pandey अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी