‘कमान्डो 3’ की कहानी बराक अन्सारी, एक जेहादी मुसलमान, के इर्द-गिर्द घूमती है, जो भारत के पांच शहरों में आतंकवादी हमले करने की योजना बनाता है। इस साजिश को नाकाम करने के लिए कमांडो करन सिंह डोगरा (विद्युत जामवाल) को मिशन सौंपा जाता है, जिसमें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट भावना रेड्डी (अदा शर्मा) और ब्रिटिश इंटेलिजेंस एजेंसी के अधिकारी भी शामिल होते हैं। फिल्म की कहानी में कोई नया तत्व नहीं है; यह पहले देखे जा चुके प्लॉट्स का पुनरावृत्ति है, जिसमें मुस्लिम आतंकवादी और भारतीय अधिकारी की कहानी है। स्क्रिप्ट में न तो कोई ट्विस्ट है और न ही सस्पेंस, जिससे कहानी पूरी तरह से प्रेडिक्टेबल बन जाती है। निर्देशक आदित्य दत्त का काम औसत है, और फिल्म में कई सीन अनावश्यक रूप से लम्बे हैं। संगीत की कमी भी खलती है, और डायलॉग्स में वह प्रभाव नहीं है जो दर्शकों को आकर्षित करे। विद्युत जामवाल के डायलॉग्स बेअसर लगते हैं, जबकि अदा शर्मा ने थोड़ी बहुत कॉमेडी का अच्छा प्रदर्शन किया है। फिल्म का एकमात्र आकर्षण इसके एक्शन सीन्स हैं, जो अच्छी कोरियोग्राफी के साथ पेश किए गए हैं। विद्युत जामवाल ने एक्शन में अच्छा काम किया है, और दोनों अभिनेत्रियों ने भी एक्शन सीन में अच्छा प्रदर्शन किया है। कुल मिलाकर, ‘कमान्डो 3’ एक साधारण और नीरस कहानी पर आधारित है, जिसमें एक्शन के अलावा कोई विशेषता नहीं है। कमान्डो - 3 - फिल्म रिव्यू ‘- एक्शन का धमाका या फिर.. फूस्स्स..? Mayur Patel द्वारा हिंदी फिल्म समीक्षा 40 4.7k Downloads 13k Views Writen by Mayur Patel Category फिल्म समीक्षा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण विद्युत जामवाल की ‘कमान्डो 1’ और ‘कमान्डो 2’ कोई बहोत बडी हिट नहीं थीं, फिर भी ‘कमान्डो 3’ बनाई गई. क्यों..? कोशिश करते है जानने की. शुरुआत करते है ‘कमान्डो 3’ की कहानी से… बराक अन्सारी (गुलशन देवइया) एक जेहादी मुसलमान है जिसने हिन्दुस्तान को बर्बाद करने की ठान ली है. दशहरे के दिन भारत के पांच अलग अलग शहेरों में आतंकवादी हमले करवाने का उसका प्लान है. किसी तरह भारत सरकार को इस साजिस का पता चलता है. अन्सारी को ढूंढकर उसे खत्म करने का मिशन देश के होनहार कमांडो करन सिंह डोगरा (विद्युत जामवाल) को सोंपा जाता है. Novels फिल्म रिव्यू - मयूर पटेल फिल्म रिव्यू – ‘ठग्स ओफ हिन्दोस्तान’… दर्शको को वाकइ में ठग लेगी ये वाहियात फिल्म कई सालों से ये होता चला आ रहा है की दिवाली के त्योहार पर रिलिज हुई... More Likes This फिल्म समीक्षा द डिप्लोमेट द्वारा S Sinha सिल्वरस्क्रीन के गोल्डन ब्वॉयज़ - 1 द्वारा Prabodh Kumar Govil नंबर वन कौन? वहीदा रहमान या शर्मिला टैगोर द्वारा Prabodh Kumar Govil बॉलीवुड vs हॉलीवुड द्वारा S Sinha फिल्म रिव्यू - Bad Newz द्वारा S Sinha Mr. and Mrs Mahi - फिल्म समीक्षा द्वारा S Sinha Jawan द्वारा Nikhil Sharma अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी