कहानी "मंझली दीदी" में कादम्बिनी और किशन के बीच बातचीत होती है। कादम्बिनी किशन से पूछती है कि उसने क्या खाया, और किशन लज्जित होकर बताता है कि उसने पूड़ी खाई। जब कादम्बिनी यह जानती है कि मंझली बहू ने मछली की मूंड किशन की थाली में परोसी थी, तो वह नाराज होती है। कादम्बिनी किशन की स्थिति को समझती है और उसके लिए चिंता व्यक्त करती है। किशन, जो अब नवीन की दुकान पर काम करने लगा है, भूख से परेशान है। जब वह घर लौटता है, तो उसकी बहन सो रही होती है। वह उसे जगाने का साहस नहीं जुटा पाता और चुपचाप इंतजार करता है। तभी उसकी बहन उसे पुकारती है और उसे खाने के लिए बुलाती है। किशन की भावनाएं और उसकी स्थिति कहानी में गहराई से दर्शाई गई हैं, जिससे उसके संघर्ष और परिवार के प्रति उसकी निष्ठा का पता चलता है। मंझली दीदी - 3 Sarat Chandra Chattopadhyay द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 63 63.2k Downloads 90.3k Views Writen by Sarat Chandra Chattopadhyay Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण संध्या के समय कादम्बिनी ने पूछा, ‘क्यों रे किशन, वहां क्या खा आया?’ किशन ने बहुत लज्जित भाव से सिर झुकाकर कहा, ‘पूड़ी।’ ‘काहे के साथ खाई थी?’ किशन ने फिर उसी प्रकार कहा, ‘रोहू मछली के मूंड की तरकारी, सन्देश, रसगु...।’ ‘अरे में पुछती हूं की मंझबी बहू ने मछली की मूंड किसकी थाली में परोसी थी?’ सहसा यह प्रश्न सुनकर किशन का चहेरा लाल पीला पड़ गया। प्रहार के लिए उठे हुए हथियार को देखकर रस्सी सें बंधे हुए जानवर की जो हालत होती है, किशन की भी वही हालत होने लगी। देर करते हुए देखकर कादम्बिनी ने पूछा, ‘तेरी ही थाली में परोसा था ने?’ Novels मंझली दीदी किशन की मां चने-मुरमुचे भून-भूनकर और रात-दिन चिन्ता करके वहुत ही गरीबी में उसे चौदह वर्ष का करके मर गई। किशन के लिए गांव में कही खडे होने के लिए भी जग... More Likes This रुह... - भाग 8 द्वारा Komal Talati उज्जैन एक्सप्रेस - 1 द्वारा Lakhan Nagar माँ का आख़िरी खत - 1 द्वारा julfikar khan घात - भाग 1 द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 2 द्वारा Kaushik Dave चंदन के टीके पर सिंदूर की छाँह - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha गाजा वार - भाग 1 द्वारा suhail ansari अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी