कहानी "मंझली दीदी" में किशन एक गरीब लड़का है, जिसकी मां ने उसकी परवरिश में बहुत मेहनत की, लेकिन अंततः उसकी मां की मृत्यु हो जाती है। किशन के पास अपने लिए कोई जगह नहीं बचती, इसलिए उसे अपनी सौतेली बड़ी बहन कादम्बिनी के पास जाने की सलाह दी जाती है। जब किशन अपनी बहन के घर पहुँचता है, तो कादम्बिनी उसे पहचानती नहीं और उसकी आमद पर नाराज हो जाती है। एक बूढ़ा, जो किशन की मां का दोस्त था, कादम्बिनी को समझाने की कोशिश करता है कि किशन एक समझदार और शांत स्वभाव का लड़का है, और उसे घर में जगह देनी चाहिए। अंततः कादम्बिनी reluctantly किशन को अपने घर में आश्रय देती है। कादम्बिनी का पति, नवीन चन्द्र, जब घर लौटता है, तो किशन को देखकर उसकी पहचान के बारे में पूछता है। कादम्बिनी उसे बताती है कि वह उसके रिश्तेदार हैं और उसे खिलाने-पहनाने की बात करती है। नवीन उसकी बात सुनकर गुस्सा दबाते हुए सहमति देता है, जबकि कादम्बिनी यह महसूस करती है कि उसे किशन की देखभाल करनी होगी, ताकि उसके eigenen बच्चों की किस्मत अच्छी हो सके। कहानी में पारिवारिक संबंधों और सामाजिक स्थिति की जटिलताओं को दर्शाया गया है। मंझली दीदी - 1 Sarat Chandra Chattopadhyay द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 58 111.6k Downloads 152.4k Views Writen by Sarat Chandra Chattopadhyay Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण किशन की मां चने-मुरमुचे भून-भूनकर और रात-दिन चिन्ता करके वहुत ही गरीबी में उसे चौदह वर्ष का करके मर गई। किशन के लिए गांव में कही खडे होने के लिए भी जगह नहीं रही। उसकी सौतेली वडी बहन कादम्बिनी की आर्थिक स्थिति अच्छी थी इसलिए सभी लोगों ने राय दी, “किशन, तुम बडी बहन के घर चले जाओ। वह बडे आदमी हैं, तुम वहां अच्छी तरह रहोगे।” मां के शोक में रोते-रोते किशन ने बुखार बुला लिया था । अन्त में अच्छे हो जाने पर उसने भीख मांग कर मां का श्रद्धा किया और मुंडे सिर पर एक छोटी सी पोटली रखकर अपनी बड़ी बहन के घर राजघाट पहुंच गया। बहन उसे पहचानती नहीं थी। जब उसका परिचय मिला और उसके आने का कारण मालूप हुआ तो एकदम आग बबूला हो गई। वह मजे में अपने बाल बच्चों के साथ गृहस्थी जमाए बैठी थी। अचानक यह क्या उपद्रव खडा हो गया? Novels मंझली दीदी किशन की मां चने-मुरमुचे भून-भूनकर और रात-दिन चिन्ता करके वहुत ही गरीबी में उसे चौदह वर्ष का करके मर गई। किशन के लिए गांव में कही खडे होने के लिए भी जग... More Likes This अहम की कैद - भाग 1 द्वारा simran bhargav भूलभुलैया का सच द्वारा Lokesh Dangi बदलाव ज़रूरी है भाग -1 द्वारा Pallavi Saxena आशा की किरण - भाग 1 द्वारा Lokesh Dangi मंजिले - भाग 12 द्वारा Neeraj Sharma रिश्तों की कहानी ( पार्ट -१) द्वारा Kaushik Dave बेजुबान - 1 द्वारा Kishanlal Sharma अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी