इस कहानी में, रवि, अरविन्द और संजना एक कमरे में प्रवेश करते हैं, जहां मनु उन्हें आमंत्रित करता है। रवि, जो कि डरा हुआ और सहमा हुआ है, मनु के सामने खड़ा होता है। मनु रवि से पूछता है कि वह उसकी फर्म में कितने सालों से काम कर रहा है, और रवि बताता है कि लगभग 15-16 साल। मनु अपनी व्यक्तिगत जिंदगी में दखल न देने की अपनी आदत के बारे में बताता है और अपने पिछले अनुभव साझा करता है। मनु की आंखों में आंसू आ जाते हैं जब वह संध्या से बात करता है, और वह उससे सवाल करता है कि क्या वह सोचती है कि जीवन उसके मुताबिक चलेगा। संध्या चुप रहती है, और मनु उसकी चुप्पी पर सवाल उठाते हैं, यह कहते हुए कि 35 सालों में उसने कभी उसकी और उसके बच्चे की परवाह नहीं की। संध्या अपने जीवन से ऊब चुकी है और कहती है कि रवि ने उसके साथ धोखा किया है। रवि, जो उसकी बात सुन रहा है, उससे पूछता है कि उसने उसके साथ क्या धोखा किया। कहानी में रिश्तों की जटिलता, धोखा, और व्यक्तिगत संघर्ष को दर्शाया गया है। अब लौट चले -10 (अंतिम भाग) Deepak Bundela Arymoulik द्वारा हिंदी क्लासिक कहानियां 9.1k 3.8k Downloads 10.4k Views Writen by Deepak Bundela Arymoulik Category क्लासिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण अब लौट चले -10सामने के दरवाजे से रवि, अरविन्द और संजना अंदर आ रहें थे. सहमे और डरे हुए से रवि अपना सर झुकाये चुप चाप मनु के सामने खड़ा हो गया था... बैठिये आप लोग... नो सर थेंक्स.... रवि ने कहा था इस वक़्त हम एक सामान्य दोस्त हैं रवि बैठ जाओ और रवि मेरे पास आकर बैठ गया था अरविन्द और संजना दूसरी तरफ बैठ गये थे.. तभी मनु ने रवि से पूछा था.... आप मेरी इस फर्म में कितने वर्षो से काम कर रहें हैं...? जी सर लग भग 15-16 सालों से इन 15-16 सालों में मैंने कभी आपको आपके किसी भी परसनल मेटर Novels अब लौट चले अब लौट चले आज मुझें ऐसा लग रहा था कि मै सच में आज़ाद हूं, सारी दुनियां आज पहली बार मुझें नई लग रहीं थी, सब कुछ नया और सुकून से भरा गर्त के अँधेरे को ची... More Likes This Last Benchers - 1 द्वारा govind yadav जेन-जी कलाकार - 3 द्वारा Kiko Xoxo अंतर्निहित - 1 द्वारा Vrajesh Shashikant Dave वो जो मैं नहीं था - 1 द्वारा Rohan रुह... - भाग 7 द्वारा Komal Talati कश्मीर भारत का एक अटूट हिस्सा - भाग 1 द्वारा Chanchal Tapsyam बीते समय की रेखा - 1 द्वारा Prabodh Kumar Govil अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी