अनघा जोगलेकर की पुस्तक "राम का जीवन या जीवन में राम" बाल्मीकि रामायण का एक समकालीन रूप है, जिसमें लेखक ने श्रीराम से जुड़ी विभिन्न कथाओं और तथ्यों को अपने अनुभव के साथ जोड़ा है। यह लेखन चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि यह धार्मिक आस्था से जुड़ा विषय है। लेखिका ने अपनी पुस्तक में राम की मानवता को उजागर करने का प्रयास किया है, यह बताते हुए कि राम को केवल पूजाघर में सीमित न किया जाए, बल्कि उनके जीवन को समझकर उसे अपनाया जाए। पुस्तक 16 अध्यायों में विभाजित है, जिसमें पृथ्वी और सृष्टि के निर्माण से लेकर राम की जल समाधि तक की कथा का विस्तृत वर्णन है। हर अध्याय के बाद एक लेखकीय आह्वान भी है, जो इसे एक साधारण राम-कथा से आगे बढ़ाकर 'आदर्श राम-कथा' बनाता है। लेखिका ने सृष्टि के निर्माण को आधुनिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया है, जिसमें आदि देवों को एक अलग गैलेक्सी का निवासी बताया गया है। महान भारतीय देवताओं की विभिन्न रूपों की चर्चा के साथ, लेखिका ने राम के पृथ्वी पर आगमन की कहानी को भी समाहित किया है। अनघा की लेखनी सरल yet साहित्यिक स्तर पर उत्कृष्ट है, जो पाठकों को राम की मानवता और उनके जीवन के संदेश को समझने में मदद करती है। 'राम का जीवन या जीवन में राम' - एक अवलोकन VIRENDER VEER MEHTA द्वारा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं 1.6k 3.3k Downloads 12.3k Views Writen by VIRENDER VEER MEHTA Category पुस्तक समीक्षाएं पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण राम का जीवन या जीवन में राम – अनघा जोगलेकर (एक संक्षिप्त अवलोकन ) साहित्य लेखन में जितना कठिन किसी वास्तविकता से जुड़े विषय पर लिखना होता है, उससे भी कहीं अधिक कठिन होता है किसी ऐतिहासिक या पौराणिक चरित्र पर अपने मन के भावों को कल्पना के साथ समाहित करते हुये लेखन करना। और यदि यह लेखन किसी आस्था से जुड़े विषय पर किया जाए, तो उससे जुड़ी चुनौतीयों का सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। ऐसा ही एक चुनौतीपूर्ण लेखन हुआ है लेखिका अनघा जोगेलेकर की लेखनी से। अनघा की लिखी पुस्तक "राम का जीवन या More Likes This इतिहास से छेड़छाड़.. - 1 द्वारा Mini Kumari द होस्ट - आलोक सिंह खालौरी द्वारा राजीव तनेजा पुस्तक समीक्षा - श्री हनुमंत प्रकाश - सुंदर काण्ड का नवोन्मेषी स्वरूप द्वारा Sudhir Srivastava हनुमान शतक- समीक्षा एवं पद्य - 1 द्वारा Ram Bharose Mishra हनुमत पचासा - परिचय व समीक्षा - 1 द्वारा Ram Bharose Mishra हरिसिंह हरीश की कुछ और रचनाएं व समीक्षा - 1 द्वारा राज बोहरे हरिसिंह हरीश की कविताएं व समीक्षा - 1 द्वारा राज बोहरे अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी