कहानी "समझोते" में मानसी अपनी मां से कहती है कि वह सुरभि आंटी के पास जाएं, क्योंकि उसे करियर के बारे में मार्गदर्शन चाहिए। मानसी अपने भविष्य को लेकर कन्फ्यूज है - उसे लॉ करना है या प्रशासकीय परीक्षा की तैयारी करनी है। उसके पिता का मानना है कि उसे पढ़ाई करनी चाहिए, ताकि वह आत्मनिर्भर बन सके। कहानी में मां की सोच मानसी और उसके पिता से अलग है। मां को लगता है कि ज्यादा पढ़ाई से लड़कियों में आत्मनिर्भरता तो आएगी, लेकिन यह स्वाभिमान में भी बदल सकता है, जो गृहस्थी में मुश्किलें पैदा कर सकता है। समाज की सोच आज भी महिलाओं से समझौते की अपेक्षा करती है। मां ने मानसी को बहुत प्यार और लाड़ से पाला है, लेकिन उसे चिंता है कि अगर मानसी शादी के बाद एडजस्ट नहीं कर पाई तो क्या होगा। इस चिंता के चलते मां सुरभि से मिलने जाती है, ताकि मानसी की शादी के बारे में बात कर सके। सुरभि एक ज्योतिषी है और मां अक्सर उससे सलाह लेती है। सुरभि का मानना है कि लोग तब ही ज्योतिष के पास जाते हैं जब वे हारे हुए होते हैं। मां अंततः सुरभि के ऑफिस पहुंचती है और वहां एक अन्य महिला की बातचीत सुनती है, जो रुंधे गले में बातें कर रही है। कहानी में समाज की सोच, महिला की शिक्षा, और समझौते की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। समझोते Upasna Siag द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 6k 4.5k Downloads 15.8k Views Writen by Upasna Siag Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण माँ ! आज आप सुरभि आंटी के पास जरूर जा कर आना ! मानसी ने मुझसे कहा। अब सुरभि क्या करेगी ? पढाई तुमने करनी है। जिसमें रूचि हो वह विषय लो ! मैं कुछ कहती इससे पहले मानसी के पापा बोल उठे। लेकिन पापा !! मैं थोड़ी कन्फ्यूज़ हूँ। लॉ करुं या प्रशासकीय परीक्षा की तैयारी करूँ ! अगर सुरभि आंटी मेरी सहायता कर देगी तो क्या हर्ज़ है। मानसी सोच रही थी कि बी ए के बाद क्या करे। हम सोच रहे थे कि शादी कर दें। मानसी का और उसके पापा का विचार था कि उसे अपने पैरों पर खड़ा तो होना ही चाहिए। अगर कभी कोई मुसीबत हो तो उसके पास अपनी डिग्री तो होगी किसी की मुहताज तो नहीं होगी। More Likes This देवर्षि नारद की महान गाथाएं - 1 द्वारा Anshu पवित्र बहु - 1 द्वारा archana ज़िंदगी की खोज - 1 द्वारा Neha kariyaal अधूरा इश्क़ एक और गुनाह - 1 द्वारा archana सुकून - भाग 1 द्वारा Sunita आरव और सूरज द्वारा Rohan Beniwal विक्रम और बेताल - 1 द्वारा Vedant Kana अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी