यह कहानी चार हिस्सों में विभाजित है: 1. **बेटी से संवाद**: इस भाग में एक पिता या माता अपनी बेटी की मासूमियत और खुशियों का वर्णन करते हैं। वे उसकी हँसी, नाच, और बातें याद करते हैं, जो जिंदगी में खुशियों का संचार करती हैं। बेटी की चंचलता और प्रेम को ईश्वर की तरह मानते हुए, वे यह भी कहते हैं कि उसकी यादें हमेशा साथ रहेंगी। 2. **नयी सदी**: यह भाग नयी सदी के आगमन को दर्शाता है, जिसमें उम्मीदें, खुशियाँ और प्यार की नई संभावनाएं हैं। नया विश्वास और ज्ञान के साथ सदी आगे बढ़ रही है। खुशबू, मुस्कान, और सपनों का जिक्र करते हुए, यह भाग भविष्य की उजली संभावनाओं की ओर इशारा करता है। 3. **वह**: इस खंड में एक व्यक्ति की याद का जिक्र है, जो वर्षों बाद मिलती है। वह व्यक्ति, जो कभी नदी, वृक्ष या पहाड़ की तरह थी, अब समय के साथ बदल गई है। उसकी यादें, भावनाएँ, और एक गहरी आंतरिकता का अनुभव किया जाता है, जो समय के साथ जुड़ी हुई हैं। 4. **सोचा न था**: इस अंतिम भाग में अप्रत्याशित घटनाओं का वर्णन है, जैसे युद्ध, प्राकृतिक आपदाएँ, और मानवता के बीच संघर्ष। यह भाग जीवन के अनिश्चितताओं और दुखों को दर्शाता है, जो उम्मीदों के विपरीत होते हैं। कुल मिलाकर, यह कहानी जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूती है, जिसमें खुशी, उम्मीद, यादें और दुख शामिल हैं। क्षणभर महेश रौतेला द्वारा हिंदी कविता 3.2k 3k Downloads 10.4k Views Writen by महेश रौतेला Category कविता पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण १.बेटी से संवादतुम्हारा हँसना, तुम्हारा खिलखिलाना,तुम्हारा चलना,तुम्हारा मुड़ना , तुम्हारा नाचना ,बहुत दूर तक गुदगुदायेगा।मीठी-मीठी बातें ,समुद्र की तरह उछलना,आकाश को पकड़ना ,हवा की तरह चंचल होना,बहुत दूर तक याद आयेगा।ऊजाले की तरह मूर्त्त होना,वसंत की तरह मुस्काना,क्षितिज की तरह बन जाना,अंगुली पकड़ के चलना,बहुत दूर तक झिलमिलायेगा।तुम्हारे बुदबुदाते शब्द ,प्यार की तरह मुड़ना ,ईश्वर की तरह हो जाना ,आँसू में ढलना,बहुत दूर तक साथ रहेगा।समय की तरह चंचल होना,जीवन की आस्था बनना ,मन की जननी होना,बहुत दूर तक बुदबुदायेगा। २.नयी सदीनयी सदी का सूरजउमंगों के साथ निकल आया,खुशी और प्यार के लिएनया विश्वास लाया।अनंत संभावनाओं मेंहमारे चारों ओरदिशायें खुल गयीं।नयी Novels क्षणभर १.बेटी से संवादतुम्हारा हँसना, तुम्हारा खिलखिलाना,तुम्हारा चलना,तुम्हारा मुड़ना , तुम्हारा नाचना ,बहुत दूर तक गुदगुदायेगा।मीठी-मीठी बातें ,समुद्र की तर... More Likes This जिंदगी संघर्ष से सुकून तक कविताएं - 1 द्वारा Kuldeep Singh पर्यावरण पर गीत – हरा-भरा रखो ये जग सारा द्वारा Poonam Kumari My Shayari Book - 2 द्वारा Roshan baiplawat मेरे शब्द ( संग्रह ) द्वारा Apurv Adarsh स्याही के शब्द - 1 द्वारा Deepak Bundela Arymoulik अदृश्य त्याग अर्धांगिनी - 1 द्वारा archana ग़ज़ल - सहारा में चल के देखते हैं - प्रस्तावना द्वारा alka agrwal raj अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी