यह कहानी प्रेमवती नाम की एक संभ्रांत महिला की है, जो यशवंतपुर नगर में रहती थी और चित्रकला की शौकीन थी। उसकी चित्रकला की प्रसिद्धि बढ़ी और एक प्रदर्शनी में हेमंत नामक व्यक्ति ने उसकी कला की सराहना की। हेमंत ने प्रेमवती को बताया कि उसकी पेंटिंग्स में एक गहरा दर्द छिपा है। हेमंत, जो एक उद्योगपति परिवार से था, ने बताया कि उसकी पत्नी ब्लड कैंसर के कारण मर रही थी और उसकी अंतिम क्षणों में उसके साथ नहीं रह पाने का गहरा सदमा उसे लगा। प्रेमवती ने अपनी कहानी शेयर की, जिसमें उसने बताया कि उसका पति अमेरिका में रहता था और उनकी सोच में टकराव के कारण वे अलग हो गए। समय के साथ, प्रेमवती और हेमंत के बीच गहरी मित्रता और भावनात्मक संबंध बन गए। एक दिन, हेमंत को सूचना मिली कि प्रेमवती का एक्सीडेंट हो गया है और उसका दाहिना हाथ बेकार हो गया है। जब प्रेमवती को इसके बारे में पता चलता है, तो वह रोने लगती है। हेमंत उसे सांत्वना देते हुए कहता है कि उसके हाथ भी उसके हैं और वह हमेशा उसके लिए समर्पित रहेगा। कहानी इस विचार पर समाप्त होती है कि जीवन में हमेशा वही नहीं होता, जो हम सोचते हैं, और प्रेम और समर्पण के रिश्ते में कठिनाइयों का सामना कैसे किया जा सकता है। अप्रतिम चाहत Rajesh Maheshwari द्वारा हिंदी प्रेरक कथा 7 4.9k Downloads 11.8k Views Writen by Rajesh Maheshwari Category प्रेरक कथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण अप्रतिम चाहत यशवंतपुर नाम के एक नगर में प्रेमवती नाम की एक संभ्रांत महिला रहती थी। उसे बचपन से ही चित्रकला का बहुत शौक था। वह दिन भर केनवास पर रंग बिरंगे रंगों से चित्र बनाती रहती थी। धीरे धीरे उसकी चित्रकला की प्रसिद्धि बढ़ती गयी। उसकी एक एकल चित्रकला प्रदर्षनी का आयोजन किया गया था जिसे देखकर दर्शक भावविभोर होकर उसकी कला की प्रशंसा कर रहे थे। हेमंत नाम का एक व्यक्ति भी वह प्रदर्शनी देखने के लिए आया हुआ था। उसने सभी चित्रों को देखकर प्रेमवती से कहा कि आपकी इतनी अच्छी पेंटिंग्स के लिए आपको बधाई Novels जीवन को सफल नही सार्थक बनाए आत्म कथ्य जीवन और हम जीवन में असफलताओं को करो स्वीकार मत होना निराश इससे होगा वास्तविकता का अहसास। असफलता को सफलता में परिवर्तित करने का करो प्रयास।... More Likes This दस महाविद्या साधना - 1 द्वारा Darkness श्री गुरु नानक देव जी - 1 द्वारा Singh Pams शब्दों का बोझ - 1 द्वारा DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR नारद भक्ति सूत्र - 13. कर्म फल का त्याग द्वारा Radhey Shreemali कोशिश - अंधेरे से जिंदगी के उजाले तक - 3 - (अंतिम भाग) द्वारा DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR काफला यूँ ही चलता रहा - 1 द्वारा Neeraj Sharma डॉ. बी.आर. अंबेडकर जीवन परिचय - 2 द्वारा Miss Chhoti अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी