कहानी "हुस्न कि तख़लीक़" में शाहिदा एक बहुत ही खूबसूरत लड़की है, जो अपने हुस्न पर गर्व महसूस करती है। वह कॉलेज में अपने आकर्षण के कारण मिर्ज़ा खानदान की शहज़ादी की तरह व्यवहार करती है और दूसरों से बात करने में संकोच करती है। उसके सहपाठी उसे "शहज़ादी" कहकर बुलाते हैं, लेकिन वह इस लब्ब पर और भी गर्वित हो जाती है। शाहिदा का व्यक्तित्व ऐसा है कि वह हमेशा चुप रहती है, और उसके आकर्षण की वजह से लड़के उसकी ओर आकर्षित होते हैं, लेकिन उसके शांत स्वभाव के कारण वे परेशान होते हैं। एक दिन, एक सहपाठी ने साहसिकता से उससे बात की, लेकिन उसे जवाब नहीं मिला। इसके बाद, उस लड़के को प्रिंसिपल ने निकाल दिया, जिससे सभी लड़के शाहिदा से दूर हो गए। शाहिदा अब बी.ए. में पढ़ रही है और अपनी सुंदरता के साथ-साथ बुद्धिमान भी है। उसके प्रोफेसर और प्रिंसिपल उसे पसंद करते हैं, क्योंकि वह प्रिंसिपल की चहेती है। कॉलेज में उसके बारे में बातें होती हैं, लेकिन कोई भी उसकी अच्छी छवि को खराब नहीं कर पाता। अंत में, यह स्पष्ट होता है कि शाहिदा को केवल खूबसूरत चीजें पसंद हैं और वह बदसूरत चीजों को बर्दाश्त नहीं कर सकती। हुस्न कि तख़लीक़ Saadat Hasan Manto द्वारा हिंदी लघुकथा 85k 12.2k Downloads 41.5k Views Writen by Saadat Hasan Manto Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण कॉलिज में शाहिदा हसीन-तरीन लड़की थी। उस को अपने हुस्न का एहसास था। इसी लिए वो किसी से सीधे मुँह बात न करती और ख़ुद को मुग़्लिया ख़ानदान की कोई शहज़ादी समझती। Gस के ख़द्द-ओ-ख़ाल वाक़ई मुग़लई थे। ऐसा लगता था कि नूर जहां की तस्वीर जो उस ज़माने के मुसव्विरों ने बनाई थी, उस में जान पड़ गई है। कॉलिज के लड़के उसे शहज़ादी कहते थे, लेकिन उस के सामने नहीं, पर उस को मालूम हो गया था कि उसे ये लक़ब दिया गया है। वो और भी मग़रूर हो गई। Novels मंटो की बदनाम कहानियाँ - पार्ट २ लाहौर से बाबू हरगोपाल आए तो हामिद घर का रहा ना घाट का। उन्हों ने आते ही हामिद से कहा। “लो भई फ़ौरन एक टैक्सी का बंद-ओ-बस्त करो।” हामिद ने कहा। “आप ज़रा... More Likes This यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan बड़े बॉस की बिदाई द्वारा Devendra Kumar Age Doesn't Matter in Love - 23 द्वारा Rubina Bagawan ब्रह्मचर्य की अग्निपरीक्षा - 1 द्वारा Bikash parajuli Trupti - 1 द्वारा sach tar अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी