कहानी "आखर चौरासी" में नेताजी अपने साथियों के साथ एक सभा में शामिल होते हैं। समाचार सुनने पर पता चलता है कि विभिन्न शहरों में भयानक दंगों में सिखों का कत्लेआम हुआ है। नेताजी इस खबर पर प्रसन्नता व्यक्त करते हैं, यह मानते हुए कि अधिक मृतकों की संख्या से उनका राज्य बी.बी.सी. पर अधिक प्रसिद्धि पाएगा। उनकी सोच और बातचीत से यह स्पष्ट होता है कि वे हिंसा और मौत को एक प्रकार की उपलब्धि मानते हैं। रात का माहौल अलग-अलग लोगों के लिए अलग अनुभव लेकर आता है। नेताजी के लिए यह एक जश्न जैसा है, जबकि हरनाम सिंह और अन्य के लिए यह भय और चिंता का समय है। कहानी में गुरनाम का भी जिक्र है, जो सोने की तैयारी कर रहा है, जब उसके दरवाजे पर जगदीश दस्तक देता है, और उसके चेहरे पर चिंता का भाव है। कहानी में विश्लेषण किया गया है कि कैसे एक ही घटना विभिन्न लोगों पर अलग-अलग प्रभाव डालती है, और यह एक गहरी सामाजिक और राजनीतिक टिप्पणी है। आखर चौरासी - 22 Kamal द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 1 2.2k Downloads 5.5k Views Writen by Kamal Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण हरनाम सिंह के घर से निकल कर, नेताजी अपने दल-बल सहित घर लौट कर फिर से अपना मजमा सजा कर बैठ गए। रेडियो पर उन दिनों सर्वाधिक विश्वसनीयता का दर्जा बी.बी.सी. के समाचारों को प्राप्त था। उनका समय हो चुका था। रेडियो चालू करते ही समाचार आने लगे। सब लोग खामोश हो गये। रेडियो पर जब बताया गया कि दिल्ली और कानपुर के साथ-साथ बिहार के शहर बोकारो में भी भयानक दंगे हुए हैं, निर्दयता से सिक्खों का कत्लेआम किया गया है। तब नेताजी ने चहकते हुए कहा, ‘‘अरे देखिए, हमारे राज्य का नाम भी बी.बी.सी. पर आ गया। भई वाह, बोकारो ने अपना नाम बी.बी.सी. तक पहुंचा ही दिया। लगता है वहाँ भी काफी मार-काट हुई। बाकी जगहों पर तो लोग केवल लूट-पाट से ही शान्त हो गए।’’ Novels आखर चौरासी कोयला खदान की गहराई से ऊपर धरती की सतह तक आने में हरनाम सिंह बुरी तरह थक चुके थे। खाखी रंग के हाफ पैंट और शर्ट पर कई जगह कोयले की कलिख लगी थी, जो खदान... More Likes This रुह... - भाग 8 द्वारा Komal Talati उज्जैन एक्सप्रेस - 1 द्वारा Lakhan Nagar माँ का आख़िरी खत - 1 द्वारा julfikar khan घात - भाग 1 द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 2 द्वारा Kaushik Dave चंदन के टीके पर सिंदूर की छाँह - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha गाजा वार - भाग 1 द्वारा suhail ansari अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी