इस कहानी में लेखक यशवंत कोठारी ने प्रकाशक और संपादक के महत्व को उजागर किया है। उन्होंने अपने अनुभवों के माध्यम से बताया है कि कैसे एक अच्छा या बुरा संपादक या प्रकाशक लेखक के करियर को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने अपने पहले अनुभव का उल्लेख किया, जिसमें एक छोटे पत्रिका के संपादक ने उनकी रचना वापस नहीं की और इसके बाद उन्होंने बड़ी पत्रिकाओं की ओर मुड़ने का निर्णय लिया, जिससे उन्हें सकारात्मक परिणाम मिले। लेखक ने प्रकाशन क्षेत्र में पारिश्रमिक मांगने की कठिनाइयों, भेदभाव और संपादकों की राजनीति के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे कुछ संपादक रचनाओं को छापने के लिए पैसे की मांग करते हैं, और इस संदर्भ में हिंदी साहित्य की स्थिति को बहुत घटिया और बेशर्म बताया। कथानक में उन्होंने विभिन्न संपादकों के साथ अपने अनुभवों को साझा किया, जिनमें से कुछ ने उनकी रचनाओं को अस्वीकार किया, जबकि दूसरों ने उन्हें नकल करने का प्रयास किया। उन्होंने यह भी कहा कि बड़े पत्रों में छपना मुश्किल होता है, और संपादकों के बीच की राजनीति ने इस प्रक्रिया को और भी जटिल बना दिया है। अंत में, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि मीडिया के अन्य क्षेत्र जैसे आकाशवाणी और दूरदर्शन में भी संपादकों की स्थिति कमजोर हो गई है। अफसर का अभिनन्दन - 23 Yashvant Kothari द्वारा हिंदी हास्य कथाएं 4 3.4k Downloads 8.9k Views Writen by Yashvant Kothari Category हास्य कथाएं पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण मेरे संपादक ! मेरे प्रकाशक!! यशवंत कोठारी (१) लेखक के जीवन में प्रकाशक व् सम्पादक का बड़ा महत्वपूर्ण स्थान है .एक अच्छा संपादक व् एक अच्छा प्रकाशक लेखक को बना या बिगाड़ सकता है. मुझे अच्छे प्रकाशक -संपादक मिले,बुरे भी मिले.किसी ने उठाया किसी ने गिराया, किसी ने धमकाया , किसी ने लटकाया , किसी ने अटकाया किसी ने छापा किसी ने अस्वीकृत किया ,किसी ने खेद के साथ अन्यत्र जाने के लिए कहा , किसी किसी ने स्वीकृत रचना वापस कर दी, कुछ ने स्वीकृत पांडुलिपियाँ ही वापस कर दी किसी ने विनम्रता से हाथ जोड़ लिए. Novels अफसर का अभिनन्दन कामदेव के वाण और प्रजातंत्र के खतरे यशवन्त कोठारी होली का प्राचीन संदर्भ ढूंढने निकला तो लगा कि बसंत के आगमन के साथ ही चारों तरफ कामदेव अपने वा... More Likes This Check-In हुआ, Check-Out नहीं! - अध्याय 3 द्वारा Sakshi Devkule मोहब्बत की दास्तान - 1 द्वारा Vishal Saini शोसल मीडिया और भगवत प्रसाद - 1 द्वारा saif Ansari हास्यास्त्र भाग–१ द्वारा Bhaveshkumar K Chudasama थ्री बेस्ट फॉरेवर - 1 द्वारा Kaju मैं मंच हूँ द्वारा Dr Mukesh Aseemit प्यार बेशुमार - भाग 8 द्वारा Aarushi Thakur अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी