कहानी "पथ के दावेदार" के भाग 5 में भारती की कठोर वाणी और तीखी आवाज सुनाई देती है। वह अपूर्व से कहती है कि एक लड़की की मां और यदु द्वारा किए गए अपराध का दंड केवल उन पर डालकर खत्म नहीं किया जा सकता। भारती का मानना है कि इस सामाजिक बुराई का ऋण चुकाए बिना कोई मुक्ति नहीं पा सकता। वह अपूर्व को बताती है कि वे लोग अपनी व्यक्तिगत जरूरतों के लिए ही यहां आते हैं। इसके बाद, भारती बंगालियों के बारे में चर्चा करती है और बताती है कि उनके संगठन में विभिन्न जातियों के लोगों की आवश्यकता है। वह यह भी बताती है कि उनके प्रेसीडेंट सभी भारतीय भाषाएं जानते हैं और डॉक्टर साहब के बारे में भी अपूर्व की उत्सुकता का मजाक उड़ाती है, यह कहते हुए कि डॉक्टर साहब सब कुछ जानते हैं और उनके लिए कोई भी ज्ञान असाध्य नहीं है। कहानी में भारती की सोच और समाज में व्याप्त समस्याओं के प्रति उसकी जागरूकता को दर्शाया गया है। पथ के दावेदार - 5 Sarat Chandra Chattopadhyay द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 5 5.4k Downloads 15.7k Views Writen by Sarat Chandra Chattopadhyay Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण कहते-कहते भारती की मुखाकृति कठोर और गले की आवाज तीखी हो उठी, 'इस लड़की की मां और यदु ने जो अपराध किया है वह क्या केवल इन लोगों को दंड देकर समाप्त हो जाएगा? डॉक्टर साहब को जब तक मैंने नहीं पहचाना था तब तक मैं भी इसी तरह सोचती थी। लेकिन आज मैं जानती हूं कि इस नरककुंड में जितना पानी है उसका भार आपको भी स्वर्ग के द्वार से खींचकर ले आएगा और इस नरककुंड में डुबो देगा। आप में इतनी सामर्थ्य नहीं है कि इस दुष्कृति का ऋण चुकाए बिना ही मुक्ति पा जाएं। हम लोग अपनी ही गरज से यहां आते हैं अपूर्व बाबू! यह उपलब्धि ही हम लोगों के पथ के दावे की सबसे बड़ी साधना है। चलिए।' Novels पथ के दावेदार अपूर्व के मित्र मजाक करते, 'तुमने एम. एस-सी. पास कर लिया, लेकिन तुम्हारे सिर पर इतनी लम्बी चोटी है। क्या चोटी के द्वारा दिमाग में बिजली की तरंगें... More Likes This रुह... - भाग 8 द्वारा Komal Talati उज्जैन एक्सप्रेस - 1 द्वारा Lakhan Nagar माँ का आख़िरी खत - 1 द्वारा julfikar khan घात - भाग 1 द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 2 द्वारा Kaushik Dave चंदन के टीके पर सिंदूर की छाँह - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha गाजा वार - भाग 1 द्वारा suhail ansari अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी