इस कहानी में, नायिका अपनी भावनाओं की जटिलता को व्यक्त करती है, खासकर सागर के प्रति अपनी लगाव और उसके साथ के रिश्ते को लेकर। पहले कुछ दिनों तक, वह सागर को फोन करने की हिम्मत नहीं कर पाती, लेकिन जब करती है, तो महसूस करती है कि सागर नाराज है, फिर भी उसे इग्नोर नहीं करता। उनके बीच की बातें धीरे-धीरे कम होने लगती हैं और वह सागर की औपचारिकता से झिझकने लगती है। नायिका को यह समझ में आता है कि सागर उसकी भावनाओं को बिना कहे समझता है, लेकिन उसे यह भी महसूस होता है कि सागर कभी उसकी खुशियों से जुड़ाव नहीं महसूस करता। वह सागर की शादी और उसके बच्चों के जन्म की खुशखबरी सुनने में झिझकता है, क्योंकि उसे डर है कि कहीं नायिका आहत न हो जाए। नायिका ने एक दिन सागर से स्पष्ट कर दिया कि उन्हें ज्यादा संपर्क में नहीं रहना चाहिए, ताकि सागर की पत्नी शारदा के प्रति कोई जलन न हो। सागर उसकी बातों पर हंसता है और उसे यह विश्वास दिलाता है कि वह कभी भी शारदा से दूर नहीं होगा। कहानी में नायिका अपनी भावनाओं और सागर के प्रति अपने गहरे लगाव को व्यक्त करती है, और यह भी बताती है कि कैसे वह अपनी इच्छाओं को दबाने की कोशिश करती है, लेकिन अंततः वे उसे अकेले में परेशान करती हैं। कभी यूँ भी तो हो... - 2 प्रियंका गुप्ता द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 11 2.1k Downloads 5.7k Views Writen by प्रियंका गुप्ता Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण दो-तीन दिनो तक मेरी हिम्मत ही नहीं हुई थी सागर को फोन करने की...फिर आखिरकार फोन कर ही दिया। उसने फोन उठाया भी...बात भी की...। नाराज़ तो था, पर जाहिर नहीं कर रहा था...। न ही फोन काटने की जल्दी दिखाई...। ये तो मैं मानूँगी पलक...मेरा फोन सागर ने हमेशा उठाया है...चाहे कितना ही बिज़ी क्यों न रहा हो...पर मुझे इग्नोर उसने कभी नहीं महसूस होने दिया। पर उस समय मैं अच्छी तरह महसूस कर रही थी कि अगर सागर की रुचि कहीं ख़त्म हो गई थी तो रुचि का सागर भी कहीं खो गया था जैसे...। Novels कभी यूँ भी तो हो... नर्स ने आकर मुझे झकझोरा तो सहसा मैं जैसे एक बहुत गहरे कुऍ से बाहर आई। दो पल को तो समझ ही नहीं आया, मैं हूँ कहाँ...फिर एक झटके से सब साफ़ हो गया...। मैं... More Likes This गाजा वार - भाग 1 द्वारा suhail ansari BTS ??? - 4 द्वारा Black डॉ. बी.आर. अंबेडकर जीवन परिचय - 1 द्वारा Miss Chhoti चाय के किस्से - 1 द्वारा Rohan Beniwal एक रात - एक पहेली - पार्ट 1 द्वारा Kaushik Dave कल्पतरु - ज्ञान की छाया - 3 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) क्या तुम मुझे छोड़ दोगे - भाग - 1 द्वारा Ratna Pandey अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी