कभी यूँ भी तो हो... - 2 प्रियंका गुप्ता द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ

Kabhi yu bhi to ho द्वारा  प्रियंका गुप्ता in Hindi Novels
नर्स ने आकर मुझे झकझोरा तो सहसा मैं जैसे एक बहुत गहरे कुऍ से बाहर आई। दो पल को तो समझ ही नहीं आया, मैं हूँ कहाँ...फिर एक झटके से सब साफ़ हो गया...। मैं...

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