सुबह उठकर, protagonist ने अवि को कॉल किया कि उन्हें मिलना है। अवि सो रहा था, लेकिन protagonist ने उसे कॉफी शॉप में मिलने के लिए कहा। घर से निकलने के बाद, सेतु भाभी ने नाश्ता करने के लिए कहा, लेकिन protagonist ने कहा कि वह बाहर कुछ मंगवा लेगी। कॉफी शॉप पहुंचने पर उसने अवि का इंतज़ार किया, लेकिन वह नहीं आया। जब उसने उसे कॉल किया, तो मोबाइल स्विच ऑफ था। तभी एक अजनबी का कॉल आया जिसने बताया कि अवि का एक्सिडेंट हुआ है और उसे हॉस्पिटल लाया गया है। यह सुनकर protagonist घबरा गई और तुरंत हॉस्पिटल की ओर भागी। हॉस्पिटल में पहुंचकर, वह इमरजेंसी वार्ड के बाहर रुक गई। कुछ समय बाद, उसके अंकल, आंटी, निशु और रवि भाई वहां पहुंचे। सबने पूछताछ की, लेकिन वह कुछ नहीं कह पाई। अवि को सिर पर गंभीर चोट लगी थी और उसे ऑपरेशन के लिए ले जाया गया। वह ऑपरेशन थियेटर के बाहर खड़ी रही, जबकि उसके दोस्त और परिवार वाले अंदर गए। उसने यह भी देखा कि अजनबी, जिसने अवि को हॉस्पिटल लाया था, वहां मौजूद था। आंटी ने उससे पूछा कि अवि से उसकी क्या बात हुई थी, लेकिन वह जवाब नहीं दे पाई, और उसकी स्थिति देखकर आंटी चिंतित हो गईं। कहानी में घबराहट, चिंता और अवि की हालत को लेकर चिंता का अनुभव होता है, जिससे protagonist की मनोदशा को दर्शाया गया है। मनचाहा - 37 V Dhruva द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 41 4.6k Downloads 9.4k Views Writen by V Dhruva Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण सुबह उठकर ही मैंने अवि को कॉल किया के मुझे अभी मिलना है। अवि- अभी तो सोया हुआ हुं जान। क्या बात है? मै- आप रेडी हो जाइए, हम मिलते है कॉफी शॉप पर। मिलकर बताती हुं। मै नहा धोकर रेडी होकर नीचे अाई तो सेतु भाभी ने पूछा- इतनी सुबह सुबह कहा जा रही है? मै- एक इमरजेंसी में MRI करना है। सेतु भाभी- नाश्ता तो करती जा..। मै- वहीं कुछ मंगवा लूंगी। बाय... मै कॉफी शॉप समय से पहले पहुंच गई थी। कुछ देर बैठी पर अवि अभी तक नहीं आए थे। सोचा घर पर कोई बहाना ना Novels मनचाहा जब से होश संभाला पापा को संघर्ष करते हुए देखा है मैंने। फिर भी मम्मी बिना किसी शिकायत के जिंदगी में साथ दें रहीं हैं। हम नोर्थ दिल्ली में रहते हैं। मे... More Likes This Taaj Ya Taqdeer ? - 1 द्वारा dhun गड़बड़ - चैप्टर 2 द्वारा Maya Hanchate इश्क़ बेनाम - 1 द्वारा अशोक असफल शोहरत की कीमत - 1 द्वारा बैरागी दिलीप दास रंग है रवाभाई ! द्वारा Chaudhary Viral बाजी किस ने प्यार की जीती या हारी - 1 द्वारा S Sinha समुंद्र के उस पार - 1 द्वारा Neha kariyaal अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी