कहानी "पल जो यूँ गुज़रे" में जाह्नवी की नियुक्ति सोलन डिस्ट्रिक्ट में अस्सिटेंट कमीशनर के रूप में होती है, जबकि निर्मल को पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है। उनके शहर लौटने पर परिवार और शहर के लोगों में खुशी का माहौल होता है। कॉलेज में उनके सम्मान में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें उन्हें सम्मानित किया जाता है। जाह्नवी इस बात पर विचार करती है कि छोटे शहरों में सम्मान अधिक मिलता है, जबकि बड़े शहरों में व्यक्ति भीड़ का हिस्सा बनकर रह जाता है। कुछ दिन कार्यक्रमों में बिताने के बाद, निर्मल अपनी माँ को सोलन भेजने की आवश्यकता नहीं समझता, क्योंकि वह जानता है कि जाह्नवी वहाँ सब संभाल लेगी। निर्मल बठिंडा और फिर आबू रोड के लिए यात्रा करता है, जबकि जाह्नवी चंडीगढ़ से सोलन पहुँचती है। वहाँ उसकी भाभी श्रद्धा और भतीजी मीनू उसका स्वागत करती हैं। श्रद्धा उसे कमज़ोर बताती है, लेकिन जाह्नवी अपनी फिटनेस को लेकर खुश होती है, यह बताते हुए कि उसने मसूरी में ट्रेनिंग के दौरान अपनी सेहत सुधार ली है। कहानी का यह हिस्सा उनकी ज़िंदगी में हो रहे बदलावों और परिवार के रिश्तों की मिठास को दर्शाता है। पल जो यूँ गुज़रे - 25 Lajpat Rai Garg द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 5 2.5k Downloads 6.5k Views Writen by Lajpat Rai Garg Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण पन्द्रह हफ्ते पलक झपकते बीत गये। जाह्नवी की नियुक्ति सोलन डिस्ट्रिक्ट में बतौर अस्सिटेंट कमीशनर हुई। निर्मल को आगे की ट्रेनग के लिये राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, माउँफट आबू जाने का आदेश—पत्र मिला। एक सप्ताह के ज्वाइनग पीरियड में वे सिरसा आये। उनके आगमन पर घर—परिवार ही नहीं, सारे शहर में हर्षोल्लास था। कॉलेज में निर्मल और जाह्नवी के सम्मान में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। कॉलेज प्रांगण में उनसे स्मृति—वृक्ष लगवाये गये। Novels पल जो यूँ गुज़रे अपना आखिरी पीरियड लगाने के बाद जैसे ही निर्मल ने डिपार्टमेंट से बाहर कदम बढ़ाये कि उसका सामना बेमौसम की बारिश की हल्की—हल्की बूँदों से हुआ। इसकी परवाह... More Likes This रुह... - भाग 8 द्वारा Komal Talati उज्जैन एक्सप्रेस - 1 द्वारा Lakhan Nagar माँ का आख़िरी खत - 1 द्वारा julfikar khan घात - भाग 1 द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 2 द्वारा Kaushik Dave चंदन के टीके पर सिंदूर की छाँह - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha गाजा वार - भाग 1 द्वारा suhail ansari अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी