कहानी में निर्मल और जाह्नवी दो छात्र हैं। निर्मल का अंतिम पेपर 25 तारीख को हो गया, जबकि जाह्नवी का पेपर 31 अक्टूबर को था। निर्मल पहले सिरसा जाना चाहता था, लेकिन जाह्नवी के पेपर की वजह से उसने अपनी योजना स्थगित कर दी। जाह्नवी जब अपने पेपर के बाद कॉलेज से बाहर आई, तो उसने देखा कि निर्मल गेट पर उसका इंतजार कर रहा था। दोनों ने तय किया था कि वे इस दिन मिलेंगे, लेकिन यह तय नहीं था कि कौन पहल करेगा। जाह्नवी का पेपर उम्मीद से बेहतर हुआ, जिससे उसकी खुशी बढ़ गई। निर्मल ने जाह्नवी से उसके पेपर के बारे में पूछा और उसे सरप्राइज देने की बात कही। जाह्नवी ने कहा कि वह उसे देखकर खुश है और फिर दोनों ने मिलकर किसी अच्छे रेस्तरां में खाना खाने और फिल्म देखने की योजना बनाई। जाह्नवी ने कहा कि वह आज का बिल खुद अदा करेगी, जबकि निर्मल ने मजाक में कहा कि वह खुद को मेहमान मानते हुए कैसे बिल चुकाएगी। इस पर जाह्नवी ने कहा कि वह निर्णय लेने की जिम्मेदारी निर्मल पर छोड़ती है क्योंकि शहर उसका है। इस प्रकार, कहानी में दोस्ती, खुशी और एक-दूसरे के प्रति सोचने का भाव दिखाया गया है। पल जो यूँ गुज़रे - 8 Lajpat Rai Garg द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 7 3.8k Downloads 9.8k Views Writen by Lajpat Rai Garg Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण निर्मल का अन्तिम पेपर पच्चीस को हो गया, किन्तु जाह्नवी का आखिरी पेपर इकतीस अक्तूबर को था। निर्मल अपने आखिरी पेपर के बाद सिरसा जाना चाहता था, क्योंकि उसे सिरसा से आये हुए लगभग तीन महीने हो गये थे। किन्तु जाह्नवी का अन्तिम पेपर अभी बाकी था, सो उसने सिरसा जाने का कार्यक्रम स्थगित कर दिया। दीवाली में पन्द्रह—बीस दिन रह गये थे। उसने सोचा, बार—बार जाने की बजाय दीवाली पर चार—पाँच दिन घर लगा आऊँगा। तदनुसार उसने पत्र लिखकर घरवालों को सूचित कर दिया और अपने पेपर अच्छे होने की भी सूचना दे दी। Novels पल जो यूँ गुज़रे अपना आखिरी पीरियड लगाने के बाद जैसे ही निर्मल ने डिपार्टमेंट से बाहर कदम बढ़ाये कि उसका सामना बेमौसम की बारिश की हल्की—हल्की बूँदों से हुआ। इसकी परवाह... More Likes This रुह... - भाग 8 द्वारा Komal Talati उज्जैन एक्सप्रेस - 1 द्वारा Lakhan Nagar माँ का आख़िरी खत - 1 द्वारा julfikar khan घात - भाग 1 द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 2 द्वारा Kaushik Dave चंदन के टीके पर सिंदूर की छाँह - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha गाजा वार - भाग 1 द्वारा suhail ansari अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी