कहानी "मन्नू की वह एक रात" में मन्नू की शादी की मुश्किलों का जिक्र है। उसकी तीन अंगुलियाँ कटी होने के कारण उसे शादी में परेशानी आ रही थी, जिससे उसके पिता चिंतित थे। जब मन्नू की उम्र 30 साल हो गई, तो उसके पिता ने परेशान होकर कहा कि उसकी शादी का गम उन्हें मार देगा। मन्नू ने अपने माता-पिता से कहा कि उनकी शादी की चिंता छोड़कर बाकी बच्चों की शादी पर ध्यान दें। उसकी माँ इस पर नाराज हुई और कहा कि समाज में उसकी शादी के बिना बाकी की शादी की स्थिति ठीक नहीं होगी। चाचा ने एक सुझाव दिया कि मन्नू की शादी एक नौकरीशुदा विकलांग व्यक्ति से कर दी जाए। इस प्रस्ताव पर मन्नू के पिता ने चुप रहकर सहमति जताई। मन्नू को इस निर्णय पर दुख हुआ लेकिन वह भावुकता में बहकर किसी भी निर्णय के लिए तैयार थी। कहानी मन्नू की भावनाओं और समाज के दबाव के बीच उसकी स्थिति को दर्शाती है।
मन्नू की वह एक रात - 2
Pradeep Shrivastava
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
Four Stars
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विवरण
‘बिब्बो मेरी शादी कैसे हुई यह तो तुम्हें याद ही होगा ? पैरों की तीन अंगुलिया कटी होने के चलते जब शादी होने में मुश्किल होने लगी तो बाबू जी परेशान हो उठे। ऊपर से दहेज की डिमांड उन्हें और भी तोड़ देती थी। धीरे-धीरे जब मैं तीस की हो गई तो वह हार मान बैठे और एक दिन मां से कहा,
बरसों बाद अपनी छोटी बहन को पाकर मन्नू चाची फिर अपनी पोथी खोल बैठी थीं। छोटी बहन बिब्बो सवेरे ही बस से आई थी। आई क्या थी सच तो यह था कि बेटों-बहुओं की...
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