"आमची मुम्बई" नामक इस कहानी में लेखक संतोष श्रीवास्तव ने मुम्बई के टाइम्स स्क्वायर का वर्णन किया है, जिसे वे लंदन के टफालगर स्क्वायर के समान सुंदर मानते हैं। लेखक ने बताया कि टाइम्स स्क्वायर की इमारतें अँग्रेज़ों के शासन काल की धरोहर हैं और यह स्थान इतिहास की परतें खोलने का आमंत्रण देता है। कहानी में ससून डॉक से लेकर रीगल थियेटर तक फैली मीना बाजार की चर्चा की गई है, जहां मुगलों के समय का बाजार आज भी जीवित है। लेखक ने अपने बड़े भाई विजय वर्मा के रेडियो धारावाहिकों के बारे में भी बताया, जो उस समय प्रसिद्ध थे। टाइम्स स्क्वायर को कला नगरी के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जहां विभिन्न कलाओं के कलाकारों का जमघट होता है। काला घोड़ा, जिसे मुम्बई की शिक्षा और संस्कृति की राजधानी माना जाता है, का भी उल्लेख किया गया है। यहां विदेशी पर्यटकों की भीड़ और अद्भुत स्थापत्य की इमारतों का वर्णन किया गया है। अंत में, काला घोड़ा में किंग एडवर्ड सप्तम की कांस्य प्रतिमा का उल्लेख किया गया है, जो इस क्षेत्र का नाम देने का कारण बनी। इस प्रकार, कहानी मुम्बई की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विविधता को दर्शाती है। आमची मुम्बई - 5 Santosh Srivastav द्वारा हिंदी यात्रा विशेष 3.7k 3.4k Downloads 7.9k Views Writen by Santosh Srivastav Category यात्रा विशेष पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण लंदन में मैंने टफ़ालगर स्क्वेयर देखा था जहाँ नेल्सन की प्रतिमा हैं प्रतिमा के चारों ओर चार बब्बर शेर काले पत्थर से बने हैं इस पूरे कॉलम को नेल्सन कॉलम कहतेहैं अब देखिये कुछ इसी तरह का बल्कि इससे भी खूबसूरत मुम्बई का टाइम्स स्क्वेयर मुझे आवाज़ दे रहा हैकि“आओ, हमें देखो, हममें छुपे इतिहास की परतें खोलो..... उसमें तुम मुझे पाओगी और खुद को भी ” हाँ सच ही है..... अँग्रेज़ों के शासन काल में बनी टाइम्स स्क्वायर की तमाम इमारतें..... अब मुम्बई की धरोहर मानी जाती हैं Novels आमची मुम्बई मेरे बचपन की यादों में जिस तरह अलीबाबा, सिंदबाद, अलादीन, पंचतंत्र की कहानियाँ और अलिफ़ लैला के संग शहर बगदाद आज भी ज़िंदा है उसी प्रकार पिछले सैंतीस वर्... More Likes This कांचा - भाग 2 द्वारा Raj Phulware अंतरा - भाग 1 द्वारा Raj Phulware संस्कृति का पथिक - 1 द्वारा Deepak Bundela Arymoulik सत्रह बरस की तन्हा कहानी - 1 द्वारा yafshu love कलकत्ता यात्रा (प्रथम संस्मरण ) द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी वक़्त की क़ैद: ऐत-बेनहद्दू की दीवारों में जो दबा है - 1 द्वारा Tiths Empire भोले के द्वार तक द्वारा kajal Thakur अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी