**पुत्रमोह**: यह कहानी एक व्यक्ति चेतन के खत के माध्यम से उसके पुराने दोस्त राघव के प्रति अपनी गलती और पछतावे को व्यक्त करती है। दस साल बाद चेतन को अपने लँगोटिया दोस्त का खत मिलता है, जिसमें वह अपने पुत्रमोह के कारण हुई दोस्ती की टूटन के लिए माफी मांगता है। वह समझता है कि राघव ने उसे सही सलाह दी थी और उसके पुत्र के नाम सब कुछ करने का निर्णय गलत था। अब वह वृद्धाश्रम में है और अपने पुराने दोस्त से फिर से मिलने की इच्छा रखता है। **निदान**: यह कहानी एक बंदर के बारे में है जिसने दो बिल्लियों की लड़ाई का फायदा उठाकर रोटी हासिल की और खुद को नगर-सेवक घोषित कर दिया। बंदर जनता के बीच का होने का दावा करता है और उनकी भलाई के लिए काम करने की इच्छा जताता है। एक रात, वह प्रजा के जीवन का अनुभव करने के लिए सड़क पर निकलता है, यह दर्शाते हुए कि सत्ता में आने के बाद भी, वह असली समस्याओं से अनजान है। पुत्रमोह Madhudeep द्वारा हिंदी लघुकथा 19k 1.8k Downloads 7k Views Writen by Madhudeep Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण 1 - पुत्रमोह 2 - बिना सिर का धड़ 3 - निदान More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी