पलायन Mukteshwar Prasad Singh द्वारा क्लासिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें क्लासिक कहानियां किताबें पलायन पलायन Mukteshwar Prasad Singh द्वारा हिंदी क्लासिक कहानियां 388 1.5k " पलायन "गंगा दियारा के गाँव रामपुर में आग लग गयी थी। कुछ ही देर में गाँव के कई घरों से तेज लपटें उठने लगी। आकाश में लाल लपटें और धुएं के गुबार ने भयावह दृश्य पैदा कर दिये ...और पढ़े।आग तो मानो दौड़-दौड़ कर एक घर से दूसरे घर को लील रही थी। फूस-खपरैल का घर वैशाख की तेज धूप में ज्वलनशील पदार्थ बन गया था। आग की ’’धू-धू’’ और लोगों के चीख-चित्कार से वातावरण में अजीब डर व्याप्त था। गाँव के एक सामाजिक सेवक सुमन ने अपने मोबाईल फोन कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी सुनो मोबाईल पर डाऊनलोड करें अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी કંઈપણ Mukteshwar Prasad Singh फॉलो