संजना कॉलेज के लिए जल्दी-जल्दी तैयार हो रही थी और बस छूटने की चिंता में थी। उसने अपनी माँ को बाय कहकर घर से बाहर निकल गई। बस स्टॉप पर पहुँचते ही उसे पता चला कि यूनीवर्सिटी वाली बस चली गई है, इसलिए वह एक प्राइवेट बस में चढ़ गई। बस में सीट पाने की उम्मीद कम थी, लेकिन एक महिला ने उसे सीट दी। संजना ने हेडफोन लगाकर संगीत में डूब गई। अचानक, बगल वाली महिला ने उसे जगाया और पानी की बोतल एक लड़के को देने के लिए कहा, जिसने अपनी सीट संजना के लिए छोड़ी थी। वह लड़का दर्द में था, उसकी कलाई पर चोट लगी थी और उसके दोस्त उसे संभालने की कोशिश कर रहा था। सभी लोग हैरान थे कि आखिर क्या हुआ। कहानी संजना की भागदौड़ और बस में हुए एक अप्रत्याशित घटना के इर्द-गिर्द घूमती है।
सोलमेट्स
Seema Singh
द्वारा
हिंदी सामाजिक कहानियां
Five Stars
1.4k Downloads
5.4k Views
विवरण
भागती-दौड़ती कॉलेज के लिए तैयार होती संजना की एक नजर घड़ी पर लगातार बनी हुई थी, अगर बस छूट गई तो दिन बर्बाद! “ प्रोफेसर भार्गव एक नम्बर के खडूस! किसी से नोट्स भी कॉपी नहीं करने देंगे। ” जल्दी-जल्दी जूतियों में पैर डालती संजना की बड़बड़ाहट रुक ही नहीं रही थी। झटपट बाल समेट कर रबरबैंड लगाती, बैग लिए दरवाजे से निकलते हुए माँ को पुकारा, “माँ मैं जा रही हूँ, आने में लेट हो जाऊँगी, चिंता मत करना, बाय” माँ के उत्तर की प्रतीक्षा किए बिना ही तेज़ी से बाहर निकल आई।
More Likes This
अन्य रसप्रद विकल्प
- हिंदी लघुकथा
- हिंदी आध्यात्मिक कथा
- हिंदी फिक्शन कहानी
- हिंदी प्रेरक कथा
- हिंदी क्लासिक कहानियां
- हिंदी बाल कथाएँ
- हिंदी हास्य कथाएं
- हिंदी पत्रिका
- हिंदी कविता
- हिंदी यात्रा विशेष
- हिंदी महिला विशेष
- हिंदी नाटक
- हिंदी प्रेम कथाएँ
- हिंदी जासूसी कहानी
- हिंदी सामाजिक कहानियां
- हिंदी रोमांचक कहानियाँ
- हिंदी मानवीय विज्ञान
- हिंदी मनोविज्ञान
- हिंदी स्वास्थ्य
- हिंदी जीवनी
- हिंदी पकाने की विधि
- हिंदी पत्र
- हिंदी डरावनी कहानी
- हिंदी फिल्म समीक्षा
- हिंदी पौराणिक कथा
- हिंदी पुस्तक समीक्षाएं
- हिंदी थ्रिलर
- हिंदी कल्पित-विज्ञान
- हिंदी व्यापार
- हिंदी खेल
- हिंदी जानवरों
- हिंदी ज्योतिष शास्त्र
- हिंदी विज्ञान
- हिंदी कुछ भी
- हिंदी क्राइम कहानी