khabt - 2 book and story is written by Mangi in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. khabt - 2 is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. ख़ब्त - 2 Mangi द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 2 1.5k Downloads 4.8k Views Writen by Mangi Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण " आ जुबान रख, भरोसो कोनी के ? न मैं मुकरूँगा और ना मेरा विजया..." अरे, भानु कर दी न छोटी बात, बिस्वास है तेरी जुबां पे, "" और मुझपे, " और दोनों खिलखिलाहट हसने लगते है " ! भानुप्रताप सिह ने अपने इकलौते बेटे विजय की सगाई पड़ोसी गाँव मे अपने बालपन के खास मित्र ईश्वर सिह के वहा तय कर रखी थी !सगाई, बिना किसी रीति-रिवाज ! बस बातो ही बातो में लगा और जुबान, " पहले जमाने की बात ही कुछ ओर थी, वैसे आज भी राजस्थान के ऐसे छोटे-मोटे गाँवो में नीम के पेड़, वट व्रक्ष की Novels ख़ब्त " विजय के बापू मैंने तो आपसे पहले ही कहा था, पर आपकी जिद्द के सामने मेरी चलती कहा है ? अब देख लिया ना, और जोड़ो सड़कछाप बिरादरी वालो से रिस्ता "..... "... More Likes This बेजुबान - 1 द्वारा Kishanlal Sharma खामोशी का रहस्य - 1 द्वारा Kishanlal Sharma अकेलापन जिंदगी - 1 द्वारा Wow Mission successful सनम बेवफा - 3 द्वारा Kishanlal Sharma धोखा या इश्क - 1 द्वारा aruhi कामवासना से प्रेम तक - भाग - 5 द्वारा सीमा कपूर My Devil Hubby Rebirth Love - 23 द्वारा Naaz Zehra अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी