मनचाहा - 8 V Dhruva द्वारा उपन्यास प्रकरण में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें उपन्यास प्रकरण किताबें मनचाहा - 8 मनचाहा - 8 V Dhruva द्वारा हिंदी उपन्यास प्रकरण (35) 3.2k 3.2k अविनाश और रवि की बातें चल रही थी तभी श्रुति वहां पर आई। श्रुति- क्या बातें हो रही है जरा हमें भी बताएं। रवि- कुछ नहीं बस तुम्हें कभी भी हेल्प चाहिए तो अवि से मांग लेना, बंदा हेल्प ...और पढ़ेमें माहिर हो गया है।? श्रुति- मुझे तो हेल्प करता हीं है, क्यो तुझे नहीं करता? अविनाश- तुझे क्या हेल्प की मैंने?? श्रुति- क्यो अपनी नोट्स नहीं देता मुझे? अविनाश- अच्छा वो... रवि- और क्या, कुछ दूसरा भी था? अविनाश- तुझे पिटना है अभी? चलो अब यहां से, कुछ खाते हैं। तीनों खाने के काउंटर पर चले गए। इधर हमने कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी सुनो मोबाईल पर डाऊनलोड करें मनचाहा - उपन्यास V Dhruva द्वारा हिंदी - उपन्यास प्रकरण (1.7k) 125.4k 99.7k Free Novels by V Dhruva अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी કંઈપણ V Dhruva फॉलो