इस कहानी में लेखक यश वन्त कोठारी ने समाज में सभापतियों, अध्यक्षों और संचालकों की बढ़ती संख्या पर व्यंग्य किया है। उन्होंने बताया है कि साहित्य और संस्कृति की गतिविधियों में कमी होने के बावजूद, हर कार्यक्रम में अध्यक्षता करने वाले लोग मौजूद रहते हैं। भूतपूर्व कवि, कलाकार, राजनेता और सेवानिवृत्त अधिकारी सभी किसी न किसी रूप में अध्यक्ष या संचालक बनने के लिए तैयार रहते हैं। एक स्थायी अध्यक्ष से बातचीत करते हुए पता चलता है कि उन्हें लिखने का समय नहीं मिलता क्योंकि उन्हें हमेशा अध्यक्षता या संचालक बनने की जिम्मेदारी निभानी पड़ती है। अध्यक्षता का रुतबा इतना बड़ा होता है कि लोग इसे किसी भी कार्यक्रम में स्वीकार करने के लिए तत्पर रहते हैं। कई अध्यक्षों के पास तैयार भाषण होते हैं जिन्हें वे किसी भी अवसर पर दे सकते हैं। कहानी में यह भी दिखाया गया है कि अध्यक्षों की दुनिया बहुत विस्तृत है और हर स्तर पर अध्यक्ष मौजूद होते हैं। कार्यक्रमों में उन्हें गंभीर मुद्रा में बैठना, भाषण देना और कभी-कभी तो अभ्यास भी करना पड़ता है। अंत में, यह स्पष्ट होता है कि अध्यक्षता की यह दौड़ एक सामाजिक दबाव और प्रतिष्ठा का मामला बन चुकी है। अफसर का अभिनन्दन - 9 Yashvant Kothari द्वारा हिंदी हास्य कथाएं 1.8k 3.8k Downloads 10.5k Views Writen by Yashvant Kothari Category हास्य कथाएं पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण सम्माननीय सभापतिजी यश वन्त कोठारी इधर श हर में साहित्य, संस्कृति-कला का तो अकाल है, मगर सभापतियो अध्यक्षों और संचालको की बाढ़ आई हुई है। जहां जहां भी सभा होगी वहां वहां पर सभापति या सभा पिता या सभा पत्नी अवष्य होगी। हर भूतपूर्व कवि कलाकार, राजनेता, सेवानिवृत्त अफसर, दूरदर्षन, आकाषवाणी, विष्वविधालयों के चाकर सब अध्यक्ष बन रहे है। जो अध्यक्ष नहीं बन पा रहे है वे संचालक बन रहे है। कुछ तो बेचारे कुछ भी बनने को तैयार है। अध्यक्ष बना दो तो ठीक नही तो संचालक, मुख्य अतिथि, विषिप्ट अतिथि बनने से भी गुरेज नहीं करते। Novels अफसर का अभिनन्दन कामदेव के वाण और प्रजातंत्र के खतरे यशवन्त कोठारी होली का प्राचीन संदर्भ ढूंढने निकला तो लगा कि बसंत के आगमन के साथ ही चारों तरफ कामदेव अपने वा... More Likes This मजनू की मोहब्बत पार्ट-1 द्वारा Deepak Bundela Arymoulik मजनू की मोहब्बत द्वारा Deepak Bundela Arymoulik सैयारा का तैयारा द्वारा dilip kumar झग्गू पत्रकार (व्यंग सीरीज) द्वारा Deepak Bundela Arymoulik देसी WWE - गांव के पहलवान बनाम विलायती दंगल ! - 1 द्वारा sachim yadav कॉमेडी का तड़का - 1 द्वारा Kaju Check-In हुआ, Check-Out नहीं! - अध्याय 3 द्वारा Sakshi अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी