हिवड़ो अगन संजोय Anju Sharma द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें लघुकथा किताबें हिवड़ो अगन संजोय हिवड़ो अगन संजोय Anju Sharma द्वारा हिंदी लघुकथा 301 971 ऐ तवा ल्यो, कड़ाही ल्यो, चिमटा ल्यो, दरांत ल्यो .... बलखाती हुई आवाज़ के साथवह लचककर मूलिया दर्जी की दुकान के नुक्कड़ से घूमीतो चौराहे पर मौजूद नज़रें उसी दिशा में उठ गईं! हर कदम के नीचे एक दिल ...और पढ़ेहुआ था।ये पहले कदम पर किराने वाले दुलीराम का दिल जो रामोतार की बोतल में कड़वा तेल डालते हुए भूल गया देखना कि तेल बोतल में जा रहा है या जमीन पर। और दूसरे कदम पर ये दूधवाले हरिया का दिल कि उसकी एक मुस्कान की चोट से बहका और साइकिल भिड़ा दी, धूप में सुस्ता रही डोकरी की खाट से।अगले कदम के नीचे दिल बिछा था रामसरन धोबी का, जो कपड़े फैलाना छोड़ दिल पर हाथ रखकर बैठ गया।अब बिछे हुए दिलों की गिनती कुछ और आगे बढ़ती अगर रामू चाचा, डोकरी और मनसा धोबन की गालियां एकम-एक न हो गई होतीं। कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी सुनो मोबाईल पर डाऊनलोड करें अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी કંઈપણ Anju Sharma फॉलो