इस कहानी में, एक महिला जिसका नाम अनुभा है, अपने जीवन की जटिलताओं का सामना कर रही है। वह अपने बेटे अक्षित के साथ समय बिताने की कोशिश कर रही है, जो अपने हॉस्टल लौट गया है। अनुभा की एक करीबी दोस्त दीक्षा है, जो अपने पति की परेशानियों से जूझ रही है और उसके लिए डॉक्टर टेस्ट करवा रहे हैं। कहानी में अनुभा की भावनाएँ, उसकी माँ बनने की ख़ुशखबरी, और दीक्षा के पति के धमकियों का जिक्र है। अनुभा को यह कहते हुए दिखाया गया है कि वह माँ बनने वाली है, जो उसके लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। कहानी में रिश्तों की जटिलताएँ, माँ-पुत्र का बंधन, और महिलाओं की मजबूरियाँ प्रमुखता से उजागर की गई हैं।
काँटों से खींच कर ये आँचल - 5
Rita Gupta
द्वारा
हिंदी लघुकथा
Four Stars
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विवरण
बैठा रहा गुमसुम सा बहुत देर तक, भोला मासूम सा सर झुकाए. बहुत देर बाद सर उठाया तो कहा, “एक बार मैंने महेश अंकल के सामने अपनी मम्मा को, ‘मम्मा’ बोल दिया था तो वह बहुत नाराज हुईं थीं.....”. अचानक याद आ गयी अपनी वो चचेरी बहन जो मुझसे सीधे मुहं बात नहीं करती थी. उसे भी ऐसे ही एक दिन पढ़ा रही थी कि चाचीजी ने आ कर किताब फ़ेंक दिया और कहा कि “खबरदार जो इस अभागी के साथ दुबारा सर जोड़े बैठे देखा”. आंसू मेरे भी टपक पड़े उन दोनों के साथ.
क्षितीज पर सिन्दूरी सांझ उतर रही थी और अंतस में जमा हुआ बहुत कुछ जैसे पिघलता जा रहा था. मन में जाग रही नयी-नयी ऊष्मा से दिलों दिमाग पर जमी बर्फ अब पिघ...
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