इस कहानी में राजकुमारी दिशा ने मंत्री जगजीतसिंह का सहारा लिया और एक सभा बुलाई जिसमें लगभग 200 लोग शामिल हुए। उसने जगजीतसिंह से पूछा कि क्या वह उसका साथ देंगे, भले ही वह बड़े बापू के प्रति वफादार रहे हों। जगजीतसिंह ने महाराजा सुर्यप्रतापसिंह के साथ अपने अनुभवों को याद किया, जहाँ उन्होंने अपने नियमों का पालन करते हुए अन्याय का सामना किया था। राजकुमारी ने जगजीतसिंह को याद दिलाया कि उनका कर्तव्य उन महिलाओं को न्याय दिलाना है जो अन्याय का शिकार हुई हैं। उसने जगजीतसिंह से सवाल किया कि यदि उसकी बेटी प्रेमलता ऐसी स्थिति में होती, तो क्या वह महाराजा के आदेश का इंतजार करते? इस चर्चा में जगजीतसिंह और अन्य पुरुषों की मर्दानगी और परिवार के प्रति उनकी जिम्मेदारियों पर सवाल उठाया गया। राजकुमारी ने उन्हें चुनौती दी कि क्या उनके दिल में प्यार और अपनापन नहीं है। अंततः कहानी अन्याय के खिलाफ खड़े होने और सच्चाई के लिए लड़ने की आवश्यकता को दर्शाती है। जंग-ए-जिंदगी - 4 radha द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ 5 1.7k Downloads 4.7k Views Writen by radha Category प्रेम कथाएँ पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण जंग-ए-जिंदगी-4 अब भी बापु सब कुछ ख्वाब मे देख रहे है।किस तरह से एक राजकुमारी डाकुरानी बन गई। राजकुमारी दिशाने मंत्री "जगजीतसिंह" का सहारा लिया। एक "सभा" चुपके से बुलाई। सभा मे तकरीबन "200 सो लोग" है। उसने कहा...."मंत्री जगजीतसिंह" मे आपसे पूछती हु क्या आप मेरा साथ देंगे? भले ही आप बड़े बापू के वफादार रहे हैं, फिर भी। जगजीतसिंह को तब याद आया..... महाराजा सुर्यप्रतापसिंह ओर उसकी बाते..... जगजीत; महाराजा,अब हमे ईतनी हमदर्दी दिखाने की कोई आवश्यकता नही ।हर बार वो लोग हमे बहोत बडा नुकसान पहोचाते है।हर बार वो युध्ध के नियमो का उलंघन करते है। ओर Novels जंग-ए-जिंदगी जंग-ए-जीवन भाग-1पैरो में काले रंग के मजबूत जूते पहने हुए, काला रंग का कुर्ता और पायजामा भी काला।सिर पर पगड़ी भी काले रंग की पहनी हुई एक डाकूरानी अपने क... More Likes This प्रेमपत्र - 1 द्वारा Vrishali Gotkhindikar युवी और नियु की कहाँनी - 1 द्वारा krick हर सुबह स्टेशन पर मिलती थी वो… पर एक दिन कुछ ऐसा कहा कि सब बदल गया - 2 द्वारा Rishabh Sharma राधे ..... प्रेम की अंगुठी दास्तां - 6 द्वारा Soni shakya सजा या साथ? - 1 द्वारा InkImagination Unexpected Love - 1 द्वारा Dark Moon मोहब्बत थी... या साज़िश ? 1 द्वारा parth Shukla अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी