फिल्म 'भारत' में सुपरस्टार सलमान खान के किरदार की कहानी 1947 से 2010 तक के भारत के इतिहास पर आधारित है। फिल्म में दिखाया गया है कि किस प्रकार विभाजन के समय भारत का परिवार बिखर जाता है और उसके बाद भारत का जीवन संघर्ष में बीतता है। वह सर्कस में काम करता है, मिडल ईस्ट जाकर प्यार करता है और अंततः भारतीय रेलवे में नौकरी पाता है। हालांकि, फिल्म की कहानी बहुत विस्तृत है, लेकिन दर्शकों को भावनात्मक रूप से प्रभावित नहीं कर पाती। विभाजन के दृश्य और अन्य घटनाओं को कमजोर तरीके से प्रस्तुत किया गया है। एक्शन सीन भी रोमांचक नहीं हैं और फिल्म में कलाकारों के बीच कोई गहरा कनेक्शन नहीं बनता। सलमान को 70 वर्षीय व्यक्ति के रूप में दिखाया गया है, लेकिन उनका लुक और बॉडी लैंग्वेज उस उम्र के अनुरूप नहीं है। केटरिना कैफ भी अपने किरदार में उम्र के अनुसार नहीं दिखतीं। अभिनय के मामले में, सलमान ने मेहनत की है, लेकिन वह अपने आम अंदाज से हटकर कुछ नया करने में सफल नहीं हुए। इस किरदार के लिए आमिर खान या ऋतिक रोशन जैसे बेहतर कलाकारों की जरूरत थी। कुल मिलाकर, 'भारत' एक कमजोर और भावनात्मक रूप से शून्य फिल्म साबित होती है। ‘भारत’ फिल्म रिव्यूः कमजोर कडी ‘कहानी’ Mayur Patel द्वारा हिंदी फिल्म समीक्षा 66 3k Downloads 10.5k Views Writen by Mayur Patel Category फिल्म समीक्षा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण सुपरस्टार सलमान खान की लेटेस्ट ‘ईद’ रिलिज ‘भारत’ की सबसे बडी प्रोब्लेम है उसकी कहानी जो की बहोत ही फैली-चौडी है. साल 1947 से लेकर 2010 तक का भारत देश का इतिहास यहां दिखाया गया है. दिखाया गया है की देश-दुनिया में उस समय के दौरान घटी घटनाएं एवं उथलपुथल से फिल्म के मुख्य किरदार ‘भारत’ के जीवन में कैसे कैसे मोड आते है. 1947 के विभाजन की त्रासदी के दौर में छोटे भारत का परिवार बीछड जाता है. स्टेशन मास्टर पिता (जैकी श्रॉफ) और छोटी बहन पाकिस्तान में ही लापता हो जाते है. लाहोर छोड कर दिल्ली जा बसे Novels फिल्म रिव्यू - मयूर पटेल फिल्म रिव्यू – ‘ठग्स ओफ हिन्दोस्तान’… दर्शको को वाकइ में ठग लेगी ये वाहियात फिल्म कई सालों से ये होता चला आ रहा है की दिवाली के त्योहार पर रिलिज हुई... More Likes This फिल्म समीक्षा द डिप्लोमेट द्वारा S Sinha सिल्वरस्क्रीन के गोल्डन ब्वॉयज़ - 1 द्वारा Prabodh Kumar Govil नंबर वन कौन? वहीदा रहमान या शर्मिला टैगोर द्वारा Prabodh Kumar Govil बॉलीवुड vs हॉलीवुड द्वारा S Sinha फिल्म रिव्यू - Bad Newz द्वारा S Sinha Mr. and Mrs Mahi - फिल्म समीक्षा द्वारा S Sinha Jawan द्वारा Nikhil Sharma अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी