खूँटे - 1 Kusum Bhatt द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

Khunte द्वारा  Kusum Bhatt in Hindi Novels
‘‘मुझे हवा के घूँट पीने हैं....’’ आवाज झमक कर चेतना में गिरती है... सफेद पिलपिले हाथों से चेहरा घुमाने लगा है बेताल - सीधे..... ‘‘लिजलिजे स्पृश के बोझ...

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