संवेदनाओं के स्वरः एक दृष्टि - 5 Manoj kumar shukla द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ

Sanvednao ke swar : ek drashti द्वारा  Manoj kumar shukla in Hindi Novels
संवेदनाओं के स्वरः एक दृष्टि (1) हे माँ वीणा वादिनी ..... हे माँ वीणा वादिनी, शत् शत् तुझे प्रणाम । हम तेरे सब भक्त हैं, जपते तेरा नाम ।। शांत सौम्य आ...

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