इस कहानी का मुख्य पात्र दीनानाथ है, जो अपने आदर्शों के लिए जाने जाते हैं। उनके छोटे पुत्र हरिनाथ उनके संस्कारों का पालन करते हैं और सुखी जीवन जीते हैं। जबकि बड़े पुत्र बंशीनाथ धन के मोह में अपने पिता के आदर्शों को छोड़ देते हैं और उसके परिणाम भुगतते हैं। कहानी हरिपुर नामक गांव की है, जहां दीनानाथ एक दयालु और ईमानदार किसान हैं। उनकी पत्नी की मृत्यु के बाद, उन्होंने अपने दो बेटों का पालन-पोषण अकेले किया। दीनानाथ की बुद्धिमत्ता के कारण गांववाले उन्हें मुखिया बनाते हैं। जैसे-जैसे समय बीतता है, बंशीनाथ पिता के व्यवसाय में रुचि लेते हैं, जबकि हरिनाथ को व्यवसाय में दिलचस्पी नहीं होती और वह लोगों की समस्याओं का समाधान करने में समय बिताते हैं। एक दिन, दीनानाथ अपने मुनिम मुलचंद से अपनी चिंता व्यक्त करते हैं कि हरिनाथ अपने भविष्य के प्रति जागरूक नहीं है। मुलचंद सुझाव देते हैं कि दोनों बेटों का विवाह करवा दिया जाए। दीनानाथ इस सलाह पर विचार करते हैं और अगले दिन अपने बेटों के विवाह का निर्णय लेते हैं। कहानी इस बात का संदेश देती है कि आदर्शों का पालन और जिम्मेदारी का निर्वहन व्यक्ति को सुखी जीवन की ओर ले जाता है। कर्मो का फल DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR द्वारा हिंदी प्रेरक कथा 18 687 Downloads 3.7k Views Writen by DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR Category प्रेरक कथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण कहानी का सारांश:-इस कहानी में मुख्य भूमिका पिता के रूप में दीनानाथ की है। अपने आदर्शो के लिये दीनानाथ प्रसिद्ध हैं। दीनानाथ के बाद एक और अहम भूमिका उनके छोटे पुत्र हरिनाथ की है। हरिनाथ अपने पिता के आदर्शो और उनके द्वारा दिये संस्कारों में अपना जीवन व्यतित करते है। और अंत में अपने कर्मोे के अनुरूप अपने जीवन का सुख भोगते है। सबक के तौर पर कहानी में एक और भूमिका दीनानाथ के बडे पूत्र बंशीनाथ की है। बंशीनाथ पिता के आदर्शों को ठुकरा कर धन दौलत के मोह में वशीभूत हो कर अपने कर्माे का फल भोगते हैं।हरिपुर More Likes This नारद भक्ति सूत्र - 13. कर्म फल का त्याग द्वारा Radhey Shreemali कोशिश - अंधेरे से जिंदगी के उजाले तक - 3 - (अंतिम भाग) द्वारा DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR काफला यूँ ही चलता रहा - 1 द्वारा Neeraj Sharma डॉ. बी.आर. अंबेडकर जीवन परिचय - 2 द्वारा Miss Chhoti हर कदम एक नई जंग है - 1 द्वारा Sumit Sharma दया का महत्व द्वारा DINESH KUMAR KEER इंतेक़ाम - भाग 1 द्वारा Mamta Meena अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी