गरिमा एक महत्वाकांक्षी छात्रा है जो बारहवी कक्षा उत्तीर्ण कर चुकी है और स्नातक की पढ़ाई करने जा रही है। उसकी बहन प्रिया की हत्या के बाद, समाज के दबाव के बावजूद, गरिमा के पिता ने उसे स्कूल से नहीं हटाया और उसकी शिक्षा के लिए हमेशा समर्थन किया। गरिमा ने अपनी मेहनत से बारहवी कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया और कॉलेज में दाखिला लिया। कॉलेज में प्रवेश के बाद, गरिमा को यह महसूस हुआ कि कॉलेज का माहौल स्कूल से बहुत अलग है और उसे अपनी सुरक्षा को लेकर चिंताएँ हो रही हैं। वह विज्ञान से स्नातक करना चाहती थी, लेकिन उसके पिता चाहते थे कि वह महिला महाविद्यालय में पढ़ाई करे। अंततः गरिमा के अड़ियल रवैये के कारण उसके पिता ने उसे विज्ञान के कॉलेज में दाखिला दिलवाया। कॉलेज में गरिमा नई-नई चुनौतियों का सामना कर रही है। अध्ययन संबंधी समस्याएँ तो उसे कठिनाई नहीं देतीं, लेकिन कॉलेज के लड़कों द्वारा उत्पन्न अन्य समस्याएँ उसके लिए चुनौती बन रही हैं। कुछ लड़कियाँ इन समस्याओं को स्वतंत्रता के अवसर के रूप में देखती हैं, जबकि कुछ बदनामी के डर से चुप रहती हैं। इस प्रकार, गरिमा को अपने नए जीवन में कई सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। दहलीज़ के पार - 4 Dr kavita Tyagi द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 20.8k 7.2k Downloads 17.3k Views Writen by Dr kavita Tyagi Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण गरिमा बारहवी कक्षा उत्तीर्ण कर चुकी थी और स्नातक मे प्रवेश लेने की तैयारी कर रही थी। जिन दिनो उसकी बहन प्रिया की हत्या हुई थी, वह नौवी कक्षा मे पढ़ती थी। तब समाज के कई वरिष्ठ लोगो ने उसके पिता से उसका स्कूल छुड़वाने का परामर्श दिया था। उसका अपना भाई भी यही चाहता था कि वह स्कूल न जाए, किन्तु गरिमा के पिता ने अपना निर्णय नही बदला। गरिमा के पिता ने अपने परिवार और समाज को स्पष्ट शब्दो मे कह दिया था कि वे न तो समाज की टिप्पणियो से डरने वाले है, और न ही प्रिया के अविवेकपूर्ण कार्य—व्यवहारो का दड अपनी छोटी बेटी गरिमा को देने वाले है। वे अपनी बेटी को उन्नति के अवसर देने मे अपनी सामर्थ्यानुसार कोई कमी नही छोड़ेगे। Novels दहलीज़ के पार उस दिन गरिमा अपने विद्यालय से लौटकर घर पहुँची, तो उसकी माँ एक पड़ोसिन महिला के साथ दरवाजे पर खड़ी हुई बाते कर रही थी। गरिमा जानती थी कि वह महिला, जो उसक... More Likes This DARK RVENGE OF BODYGARD - 1 द्वारा Anipayadav वाह साहब ! - 1 द्वारा Yogesh patil मेनका - भाग 1 द्वारा Raj Phulware बेवफाई की सजा - 1 द्वारा S Sinha RAJA KI AATMA - 1 द्वारा NOMAN क्लियोपेट्रा और मार्क एंथनी द्वारा इशरत हिदायत ख़ान राख की शपथ: पुनर्जन्मी राक्षसी - पाठ 1 द्वारा Arianshika अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी