Hanuva ki Patni - 5 book and story is written by Pradeep Shrivashtava in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Hanuva ki Patni - 5 is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. हनुवा की पत्नी - 5 Pradeep Shrivastava द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 17 4.3k Downloads 8.8k Views Writen by Pradeep Shrivastava Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ‘सॉरी हनुवा मुझे नहीं मालूम था कि तुम इतना नाराज हो जाओगी।’‘अरे कैसी बात कर रही हो? सांभवी तुम तो मेरी जान बन चुकी हो। नाराजगी शब्द तुम्हारे लिए मेरी डिक्सनरी में है ही नहीं।’ इतना कहते-कहते हनुवा ने कुछ ही देर पहले ही फिर से सामने आ बैठी सांभवी को गले लगा लिया। और जब उससे अलग हुई तो उसकी आंखें भरी हुई थीं। उसकी बड़ी-बड़ी आंखें सुर्ख हो गई थीं। बहुत ही भर्राई आवाज़ में बोली। Novels हनुवा की पत्नी हनुवा धारूहेड़ा, हरियाणा से कई बसों में सफर करने, और काफी पैदल चलने के बाद जब नोएडा सेक्टर पंद्रह घर पहुंची तो करीब ग्यारह बजने वाले थे। मौसम में अच्छी... More Likes This सर्विस पॉर्ट - 1 द्वारा Lalit Kishor Aka Shitiz किरन - 2 द्वारा Veena नागिन और रहस्यमयि दुनिया - 1 द्वारा Neha Hudda प्यार बेशुमार - भाग 6 द्वारा Aarushi Thakur नागेंद्र - भाग 1 द्वारा anita bashal दिवाकर : दी फादर - भाग 1 द्वारा Lalit Kishor Aka Shitiz एमी - भाग 1 द्वारा Pradeep Shrivastava अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी