इस कहानी में कमलेश माथुर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अपनी ट्रेन का इंतज़ार कर रहा है। वह भीड़भाड़ और शोरगुल से थक चुका है और सोचता है कि प्लेटफॉर्म पर बैठकर ऐसा लगता है जैसे उसने पूरे देश की यात्रा कर ली हो। वह अनाउंसमेंट सुनना पसंद करता है, लेकिन उसकी ट्रेन की कोई घोषणा नहीं हो रही है, जिससे उसका धैर्य टूट रहा है। कमलेश ठंड से बचने की कोशिश कर रहा है और प्लेटफॉर्म पर हो रही घोषणाओं का आनंद ले रहा है। कहानी में सिस्टम और जीवन के अनुभवों को चार्ली चैपलीन के दृष्टिकोण से देखा गया है, जो जीवन की सुंदरता और कुरूपता को दर्शाता है। कृपया ध्यान दीजिए Arpan Kumar द्वारा हिंदी लघुकथा 7 1.2k Downloads 7.6k Views Writen by Arpan Kumar Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कई घंटों से कमलेश माथुर बैठा हुआ था, अपने गंतव्य की ओर जानेवाली ट्रेन का इंतज़ार करता हुआ। बाकी दिनों की ही तरह उस दिन भी नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर गहमा-गहमी जारी थी। शाम से ही कमलेश इधर-उधर टहलता हुआ अब थक गया था। दुनिया भर की आवाज़ें और भागमभाग से वह आजिज़ आ चुका था। वह सोचने लगा…प्लेटफॉर्म पर आकर सिर्फ़ कुछ देर के लिए बैठो, कहीं मत जाओ। More Likes This नेताजी की गुप्त फाइलें - भाग 1 द्वारा Shailesh verma पायल की खामोशी द्वारा Rishabh Sharma सगाई की अंगूठी द्वारा S Sinha क्या यही है पहला प्यार? भाग -2 द्वारा anmol sushil काली किताब - भाग 1 द्वारा Shailesh verma Silent Desires - 1 द्वारा Vishal Saini IIT Roorkee (अजब प्रेम की गज़ब कहानी) - 2 द्वारा Akshay Tiwari अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी