Papa, Aap ek jagah tik kar kyo nahi rahte book and story is written by Arpan Kumar in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Papa, Aap ek jagah tik kar kyo nahi rahte is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. पापा, आप एक जगह टिक कर क्यों नहीं रहते! Arpan Kumar द्वारा हिंदी लघुकथा 16 1.6k Downloads 4.9k Views Writen by Arpan Kumar Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण जिस नए स्कूल में कुछ मुश्किल से सुयश का एडमिशन हुआ था, वहाँ हो रही आवधिक परीक्षाओं में क्रमशः उसका रिजल्ट गिरने लगा। वह अपनी उम्र से अधिक चिड़चिड़ा हो गया था। उसके मनोजगत की गाड़ी मानो किसी रिवर्स गियर में चली जा रही हो। स्कूल-शिक्षक और होम-ट्यूटर के प्रश्नों का उत्तर भी वह बड़े अनमनस्क भाव से देने लगा था। यह उसके प्रसन्नचित्त स्वभाव के विपरीत था। दिल्ली में तो वह कितना ख़ुशमिज़ाज और पढ़ाई से लेकर खेलकूद तक सभी में अव्वल आनेवाला स्कूल-पड़ोस का एक स्टार-ब्यॉय था। More Likes This True Love द्वारा Misha Nayra मज़बूत बनकर लौटा समन्दर द्वारा LOTUS पाठशाला द्वारा Kishore Sharma Saraswat डिप्रेशन - भाग 1 द्वारा Neeta Batham मोहब्बत - पार्ट 1 द्वारा mohammad sadique सनातन - 2 द्वारा अशोक असफल वो यादगार लम्हे, वो सच्ची दोस्ती द्वारा R B Chavda अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी