कहानी "नियति" में शालिनी अपनी बेटी शिखा से मिलने उसके घर जाती है। शादी के बाद पहली बार मां-बेटी का मिलन होता है, और दोनों इस समय का आनंद लेती हैं। शालिनी को यह देखकर खुशी होती है कि उसकी बेटी एक सुखद और संपन्न जीवन में है। लेकिन जब शाम होती है, तो शिखा रोहन के आने को लेकर चिंतित होती है। शालिनी समझ नहीं पाती कि शिखा इतनी परेशान क्यों है। शिखा अपनी चिंताओं को साझा करती है, जिसमें वह रोहन के प्रति अपने डर और अनिश्चितता का जिक्र करती है। वह सोचती है कि रोहन उससे नफरत कर सकता है और उसे चोट पहुँचाने की कोशिश कर सकता है। शालिनी इस स्थिति को समझते हुए एक दिन और रुकने का निर्णय लेती है और शिखा को रोहन के बारे में उसके अनुभवों को बेहतर समझाने की कोशिश करती है। शिखा बताती है कि उसने रोहन में कोई बुरी बात नहीं देखी, लेकिन फिर भी वह अपने डर को पूरी तरह से छोड़ नहीं पा रही है। दोनों मां-बेटी के बीच यह बातचीत उनके रिश्ते को और मजबूत करती है, जबकि शिखा धीरे-धीरे रोहन के व्यवहार में बदलाव महसूस कर रही है। कहानी में विश्वास, डर, और पारिवारिक संबंधों की गहराई को दर्शाया गया है। नियति - 8 Seema Jain द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 63 9.5k Downloads 20.3k Views Writen by Seema Jain Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण रोहन के अनुपस्थिति में शालिनी का कार्यक्रम बेटी के घर ठहरने का था। वैसे तो शांति और सेवक राम चौबीस घंटे घर में ही रहते थे । उनके कमरे घर के पीछे बने हुए थे । लेकिन शादी के बाद शालिनी को बेटी से मिलने का मौका नहीं मिला था। इसलिए दोनों एक दूसरे का साथ पाकर बहुत खुश थी। शिखा को स्वस्थ देकर शालिनी को संतुष्टि मिली । शादी के दिन जल्दबाजी में शालिनी ने घर ठीक से देखा नहीं था, अब एक-एक कमरा देखा तो पता चला बेटी कितने वैभव भरे घर में पहुंच गई है। लोग भी कितने अच्छे हैं। Novels नियति शिखा की सबसे प्रिय सखी दीपा उसे बार-बार अपनी बहन रिया की शादी के लिए इंदौर चलने का आग्रह कर रही थी । शिखा जानती थी अगर विवाह समारोह भोपाल में होता तो... More Likes This रंग है रवाभाई ! द्वारा Chaudhary Viral बाजी किस ने प्यार की जीती या हारी - 1 द्वारा S Sinha समुंद्र के उस पार - 1 द्वारा Neha kariyaal जग्या लॉस्ट हिज़ वीरा - भाग 2 द्वारा Jagmal Dhanda इश्क की लाइब्रेरी। - 1 द्वारा Maya Hanchate फोकटिया - 1 द्वारा DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 1 द्वारा Kaushik Dave अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी