कहानी "मन्तर" में नन्हा राम का परिचय दिया गया है, जो उम्र में छोटा होने के बावजूद शरारतों में बड़ा होता है। उसका चेहरा भोला लगता है, लेकिन वह बेहद चालाक और ज़हीन है। राम के पिता, मिस्टर शंकर-अचार्या, उसके बारे में कहते हैं कि वह 'मुँह में राम राम और बगल में छुरी' की मिसाल है। राम के पास एक छोटी सी छड़ी होती है, जिससे वह शरारतें करता है। एक दिन, जब राम की माँ उसे उसके पिता के सामने लाती हैं, राम चुप रहता है और खेल में मग्न है। मिस्टर शंकर-अचार्या उसे परमेश्वर के नाम से डराते हैं, लेकिन राम उनसे सवाल करता है कि परमेश्वर कौन हैं। पिता उसे समझाते हैं कि परमेश्वर सभी से बड़े हैं। राम की शरारतें और उसके जवाबों से यह स्पष्ट होता है कि वह बेहद चालाक और समझदार है, जो अपने पिता की बातों का मजाक उड़ा देता है। कहानी में राम की शरारतों और उसके भोलेपन के बीच का संघर्ष प्रस्तुत किया गया है, जो यह दर्शाता है कि कैसे एक नन्हा बच्चा अपने आस-पास की दुनिया को समझता है और अपनी शरारतों से सबको प्रभावित करता है। मन्तर Saadat Hasan Manto द्वारा हिंदी लघुकथा 10k 4.9k Downloads 15.8k Views Writen by Saadat Hasan Manto Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण नन्हा राम। नन्हा तो था, लेकिन शरारतों के लिहाज़ से बहुत बड़ा था। चेहरे से बेहद भोला भाला मालूम होता था। कोई ख़त या नक़्श ऐसा नहीं था जो शोख़ी का पता दे। उस के जिस्म का हर उज़ू भद्दे पन की हद तक मोटा था। जब चलता था तो ऐसा मालूम होता था कि फुटबाल लुढ़क रहा। उम्र ब-मुश्किल आठ बरस की होगी। मगर बला का ज़हीन और चालाक था। लेकिन उस की ज़ेहानत और चालाकी का पता उस के सरापा से लगाना बहुत मुश्किल था। मिस्टर शंकर-अचार्या एम ए, एल एल बी..... राम के पिता कहा करते थे कि “मुँह में राम राम और बग़ल में छुरी” वाली मिसाल इस राम ही के लिए बनाई गई है। Novels मंटो की विवादित कहानियां “मेरी तो आप ने ज़िंदगी हराम कर रखी है…. ख़ुदा करे मैं मर जाऊं।” “अपने मरने की दुआएं क्यों मांगती हो। मैं मर जाऊं तो सारा क़िस्सा पाक हो जाएगा...... कहो... More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी