भाग 1 में वसीम और उसका दोस्त कायनात और उसकी सहेली का इंतजार कर रहे थे। जैसे ही कायनात आई, वसीम की आंखों में चमक आ गई। वसीम ने कायनात से बात करने की कोशिश की, लेकिन उसने नजरअंदाज कर दिया और अपनी सहेली के पीछे खड़ी हो गई। कायनात को वसीम के इरादे समझ में आ गए थे, लेकिन वह भी वसीम को पसंद करने लगी थी, फिर भी उसने दूरी बनाना सही समझा। वसीम ने अपने दोस्त से कहा कि वे घूमने जाएं। कायनात थोड़ी हिचकिचाती रही, क्योंकि उसे डर था कि वसीम कुछ ऐसा ना कह दे, जिसे वह इनकार न कर सके। वह कुछ पढ़ाई की बातें करने लगी, जबकि वसीम उसे बस देखता रहा। कुछ देर बाद, कायनात अपनी सहेली नूरी को बुलाकर घर जाने लगी। घर पर उसकी मां ने कहा कि उसके बाबा आ रहे हैं, तो उसने दस्तरखान बिछाया। खाना खाने के दौरान, उसके बाबा ने पूछा कि वह परेशान क्यों है, लेकिन कायनात ने कहा कि वह ठीक है। अगली सुबह, स्कूल में कायनात ने वसीम को गेट पर खड़ा देखा और हिचकिचाते हुए अपनी क्लास में चली गई। वसीम को उसकी स्थिति का अंदाजा हो गया था और वह खुश था कि कायनात उसकी भावनाओं को समझ रही है। वसीम ने तय किया कि वह कायनात को प्यार का एहसास दिलाने के लिए कुछ अलग तरीके अपनाएगा। लंच के समय जब कायनात बाहर निकली, तो वसीम ने उसकी सहेली से बात करते हुए उसके हाथ को टच किया और कहा कि यह गलती से हुआ। कायनात को उसका टच अच्छा लगा, लेकिन वह बिना कुछ बोले अंदर चली गई। खेल प्यार का...भगा 2 Sayra Ishak Khan द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 40 6.8k Downloads 14.4k Views Writen by Sayra Ishak Khan Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण 2 पार्टभाग 1 में अपने पढ़ा कि.........वसीम ओर उसका दोस्त दोनो कायनात और उसकी सहेली का इंतजार कर रहे थे!जैसे ही कायनात ओर उसकी सहेली को आते देखा तो वसीम की आंखो में एक चमक सी आ गई! उनको पास आते देखा दोनो आगे बढ़े !सलाम दुआ की !वसीम ने कायनात से बात करने की कोशिश की लेकिन कायनात उसे नजरअंदाज करके अपनी सहेली के पिछे जा खड़ी हुई ।क्यू कि कुछ हद तक कायनात वसीम के इरादे समझ गई थी ! फिर भी वो वसीम से दूर दूर सी थी! क्यू की काफी हद तक कायनात भी वसीम को Novels खेल प्यार का.. प्रस्तावनायह कहानी वसिम और कायनात की प्रेम कहानी है मैं इस कहानी को आपके समक्ष पहली बार रजू करने जा रही हूं! लिखना आता है या नहीं वह तो आप पर नि... More Likes This कल्पतरु - ज्ञान की छाया - 3 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) क्या तुम मुझे छोड़ दोगे - भाग - 1 द्वारा Ratna Pandey CM: The untold story - 1 द्वारा Ashvin acharya खेल खेल में - जादूई - भाग 3 द्वारा Kaushik Dave पीड़ा में आनंद - भूमिका द्वारा Ashish Kumar Trivedi एक समय ऐसा भी आएगा - 1 द्वारा Wow Mission successful रौशन राहें - भाग 1 द्वारा Lokesh Dangi अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी