सूरज अपने अतीत को वापस पाने की उम्मीद लेकर आया था, लेकिन उसे प्यार और अपनापन नहीं मिला। दादाजी और कॉलेज के लोगों ने उसे अपने जीवन से दूर कर दिया था। सरगम की शादी हो चुकी थी, जिससे सूरज को लगता था कि अब किसी पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उसकी यादों में सरगम की प्यारी बच्ची सुगम थी, जिसका नाम सूरज और सरगम के नामों से जुड़ा था। हालांकि खुशियों के दरवाजे बंद थे, लेकिन छोटू की जिन्दादिली ने सूरज को प्रेरित किया। उसकी मुलाकात गुलाबो से हुई, जो सूरज की जिंदगी का एक रहस्य थी। सूरज ने गुलाबो पर नज़र रखनी शुरू की और उसे लगा कि उसकी चाय की दुकान में कुछ और भी चल रहा है। एक शाम, सूरज ने गुलाबो से मिलने का फैसला किया और उसके घर पहुंचा। गुलाबो अकेली थी और सूरज ने चुपके से उसके कमरे में प्रवेश किया। गुलाबो बाथरूम में थी, और सूरज ने उसके कमरे को देखा, जिसमें संगीत के इंस्ट्रूमेंट्स थे। पियानो देख कर सूरज की उंगलियाँ खुद-ब-खुद उस पर चलने लगीं। जब उसने पियानो बजाया, तो गुलाबो बाहर आई। वह देखती है कि सूरज संगीत में खोया हुआ है और महसूस करती है कि सूरज उसे कितना प्यार करता है। इस प्रकार, कहानी सूरज के संगीत और गुलाबो के बीच के संबंध को दर्शाती है, जिसमें भावनाओं और यादों का गहरा रिश्ता है। अच्छाईयां – १४ Dr Vishnu Prajapati द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 6 2.2k Downloads 5.4k Views Writen by Dr Vishnu Prajapati Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण भाग – १४ सूरज कल सुबह कितनी उम्मीदे लेकर आया था... मगर आज तो उनकी सारी उम्मीदे टूट चुकी थी प्यार और अपनापन पाने की ख्वाहिश में वो कई साल के बाद वापस आया था मगर उन्हें कही से अपनापन नहीं मिला दादाजीने और कोलेज के सभी लोगोने सूरज को अपनी जिन्दगी से दूर कर दिया था सूरज सोचता था की सरगमने भी शादी करली तो फिर दूसरे का तो क्या भरोसा ? सुगम, सरगम की प्यारी बच्ची थी, सूरज और सरगम दो शब्द मिलके सुगम का नाम बनता था सालो पहले एक दिन जब सरगम Novels अच्छाईयाँ लेखांक – १ मुंबई से रात को निकली बस की ये सवारी सुबह की पहली किरन के साथ अपने आखरी मुकाम तक पहुच चुकी थी शहर की भीड़ में बसने अपनी रफ़्तार कम कर ली थ... More Likes This काठगोदाम की गर्मियाँ - 1 द्वारा DHIRENDRA BISHT DHiR Dastane - ishq - 1 द्वारा Tanya Gauniyal Rent A Soul ?? - 2 द्वारा Goku अंधकार का देवता - 1 द्वारा Goku सर्वथा मौलिक चिंतन - भाग 1 द्वारा Brijmohan sharma मेरा रक्षक - भाग 1 द्वारा ekshayra अम्मा का मटकी भर सोना और प्लेनचिट - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी